इंफ्रास्ट्रक्चर का ये कोलैप्स सिस्टम की असफलता’, दिल्ली कोचिंग मामले पर राहुल गांधी का निशाना

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28जुलाई। राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की दुखद मौत हो गई। इस हादसे ने शहर में हड़कंप मचा दिया है और राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पवन खेड़ा ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और इसे सिस्टम की विफलता करार दिया है।

राहुल गांधी ने क्या कहा?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस हादसे पर दुख जताते हुए कहा, “दिल्ली की एक बिल्डिंग के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण प्रतियोगी छात्रों की मौत बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। यह इन्फ्रास्ट्रक्चर का कोलैप्स है, जो सिस्टम की संयुक्त असफलता को दर्शाता है।” उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले बारिश के दौरान बिजली का करंट लगने से एक छात्र की मौत हुई थी, और इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि देश में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की कमियां हैं। राहुल गांधी ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और कहा कि ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।

पवन खेड़ा का बयान
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस हादसे को “मानव निर्मित त्रासदी” करार दिया। उन्होंने सवाल उठाया, “बेसमेंट में कोचिंग सेंटर कैसे चल रहा था? क्या उनके पास लाइसेंस था? क्या उनके पास एमसीडी के सभी कागजात थे?” उन्होंने प्रशासन और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा नहीं है बल्कि प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। पवन खेड़ा ने कहा, “राष्ट्रीय राजधानी में ऐसी असंवेदनशील सरकार होना बेहद गलत है, चाहे वह एमसीडी हो या सरकार। एक-दूसरे पर सवाल उठाना और आरोप-प्रत्यारोप करना बहुत आसान है, लेकिन इसमें आम आदमी को परेशानी हो रही है।”

एलजी वीके सक्सेना का बयान
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा, “मैंने डिविजनल कमिश्नर से मंगलवार तक दुखद घटना के हर पहलू को कवर करते हुए एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। हालांकि, इस घटना के कारण खोए गए अनमोल युवा जीवन को कोई भी वापस नहीं ला सकता है।” उन्होंने प्रशासन की उदासीनता और कोचिंग संस्थान चलाने वालों के आपराधिक कदाचार पर कड़ी कार्रवाई की बात कही। “जान गंवाने वालों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी,” सक्सेना ने कहा।

प्रशासनिक उदासीनता और कार्रवाई की मांग
इस हादसे के बाद प्रशासनिक उदासीनता और कोचिंग सेंटर की लापरवाही को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों से इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। मनोहर लाल शर्मा, एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह बहुत ही दुखद है कि हमारे युवा छात्रों को इस तरह की खतरनाक परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को इस मामले में त्वरित और कठोर कदम उठाने चाहिए।”

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हुई इस हादसे ने एक बार फिर से शहर के बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों की मौत ने इस बात को उजागर किया है कि कैसे कभी-कभी प्रशासनिक अनदेखी और लापरवाही मानव जीवन पर भारी पड़ सकती है। इस घटना ने सभी संबंधित पक्षों से तुरंत और कठोर कदम उठाने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदियों से बचा जा सके।

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