समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 27जुलाई। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम को भारत रत्न देने की पार्टी के एक सांसद की मांग पर शुक्रवार को बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा पर तीखा प्रहार किया। मायावती ने केंद्र में सत्तासीन भगवा पार्टी से आग्रह किया कि या तो वह कांशीराम को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दे या दलितों को गुमराह करना बंद करे।
यह मांग शाहजहांपुर के भाजपा सांसद अरुण कुमार सागर की ओर से आई, जिन्होंने गुरुवार को लोकसभा सत्र के दौरान कांशीराम की प्रशंसा करते हुए उन्हें “बहुजन नायक” बताया। सागर ने बसपा संस्थापक की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह एक असाधारण राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे, जिन्होंने अपना जीवन दलितों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार कांशीराम को भारत रत्न देती है, तो यह स्वागत योग्य कदम होगा।
उन्होंने कहा, “यूपी से भाजपा के दलित सांसद द्वारा बसपा संस्थापक श्री कांशीराम जी के लिए भारत रत्न की मांग करने के बजाय, (भाजपा) को तुरंत ऐसा करना चाहिए क्योंकि केंद्र में उनकी सरकार है और बसपा इसका तहे दिल से स्वागत करेगी। अन्यथा (भाजपा) दलितों को गुमराह करना बंद कर दे।” मायावती ने केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि इसमें उत्तर प्रदेश जैसे अधिक आबादी वाले और पिछड़े राज्य की उपेक्षा की गई है। उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार का बजट आवंटन राष्ट्रीय और जनहित में होने के बजाय राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने याद दिलाया कि जब बसपा सरकार उत्तर प्रदेश में सत्ता में थी, तब भी केंद्र की ओर से इसी तरह का पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया गया था। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, “गैर-भाजपा शासित राज्य बजट से नाखुश हैं और उन्होंने इस संबंध में नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। यूपी जैसे बड़ी आबादी वाले गरीब और पिछड़े राज्य पर उचित ध्यान न देना कितना उचित है? केंद्र के लिए देश और जनहित को सर्वोपरि रखना बहुत जरूरी है।” मायावती की यह कड़ी टिप्पणी केंद्र सरकार के बजटीय आवंटन को लेकर विपक्ष शासित राज्यों में बढ़ते असंतोष के बीच आई है।