समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23जुलाई। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग का मुद्दा अभी सुलझा नहीं था कि किसानों ने नई मांग को लेकर ‘किसान आंदोलन-2’ का ऐलान किया है. हाल ही में लाए गए तीन नए क्रिमिनल लॉ के खिलाफ अब किसान दिल्ली की ओर कूच करने की तैयारी में हैं. स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त वाले दिन किसानों की ओर से देशभर में ‘ट्रैक्टर मार्च’ की घोषणा की गई है. किसानों ने ऐलान किया है कि वह ट्रैक्टर मार्च के साथ नए क्रिमिनल कानूनों की कॉपी को आग में जलाने वाले हैं.
15 अगस्त को किसान करने वाले हैं ट्रैक्टर मार्च
दिल्ली कूच के लिए किसान शंभू बॉर्डर पर महीनों का राशन लेकर पहुंचने लगे हैं. खबर है कि 1 अगस्त को किसान मोदी सरकार की ‘अर्थी’ जलाएंगे. किसान संगठनों ने देशभर के किसानों से सरकार की नीतियों का विरोध करने की अपील की है. फिर 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किसान पूरे भारत में ट्रैक्टर मार्च करेंगे, साथ ही नए क्रिमिनल लॉ की कापी जलायगे. फिलहाल किसान दिल्ली कूच नहीं कर सकते हैं क्योंकि शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर अभी बंद हैं, और जब भी ये बॉर्डर खुलेंगे तब ही किसान दिल्ली की तरफ कूच करेंगे.
31 अगस्त तक शंभु बॉर्डर पहुंचेंगे सभी किसान
31 अगस्त को बड़ी संख्या में किसान बॉर्डर पर इकट्ठे होकर रैली करेंगे क्योंकि इस दिन किसान आंदोलन को 200 दिन पूरे हो जाएंगे. केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए किसान संगठनों ने 31 अगस्त को सभी किसानों से अपील की है कि वो बॉर्डर पर पहुंचे. फिर 15 सितंबर को हरियाणा के जिंद में और 22 सितंबर को पीपली में किसानों की रैली आयोजित होगी.
केंद्रीय मंत्री के बेटे ने किसानों पर चढ़ाई गाड़ी?
किसानों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को बेल देने की भी निंदा की है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में किसान आंदोलन के दौरान 433 किसान घायल हुए हैं. किसानों पर हमला करने वाले अफसरों को सरकार सम्मानित करने जा रही है, यह बिल्कुल गलत है. आपको बता दें कि आशीष पर लखीमपुर में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप है. किसानों ने कहा है कि बॉर्डर खुलते ही ट्रैक्टर में सामान भरकर हम ‘दिल्ली’ की तरफ रवाना हो जाएंगे.
13 फरवरी को दिल्ली के लिए रवाना हुए थे किसान
आपको बता दें कि एमएसपी की लीगल गारंटी सहित करीब 12 मांगों को लेकर इस साल 13 फरवरी को पंजाब के किसान दिल्ली के लिए निकले थे. मगर हरियाणा सरकार ने पटियाला और अंबाला के बीच शंभू बॉर्डर पर उनका रास्ता बंद कर दिया. तभी से किसान शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं, और अब 15 अगस्त को देशभर में ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया है.