नेम प्लेट विवाद: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का दुकानदारों को अल्टीमेटम

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 जुलाई। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। पंडित शास्त्री ने बागेश्वर धाम क्षेत्र के दुकानदारों को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि वे अपनी दुकानों के बाहर नाम प्लेट लगाएं, जिस पर उनका नाम और व्यवसाय लिखा हो। यह विवाद तब शुरू हुआ जब पंडित शास्त्री ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तर्ज पर दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाने का प्रस्ताव रखा।

पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने दुकानदारों को चेतावनी दी है कि यदि वे इस अल्टीमेटम का पालन नहीं करते हैं, तो उनकी दुकानें धाम में चलने नहीं दी जाएंगी। उन्होंने इस कदम को सुरक्षा और पारदर्शिता के लिहाज से महत्वपूर्ण बताया है। उनके अनुसार, यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि स्थानीय लोग और तीर्थयात्री आसानी से पहचान सकें कि कौन सी दुकान किसकी है और कौन सा व्यवसाय संचालित हो रहा है।

हालांकि, दुकानदारों के बीच इस निर्णय को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ दुकानदारों ने इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि यह पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ावा देगा। वहीं, कुछ दुकानदारों ने इसे अनावश्यक दबाव के रूप में देखा है और कहा है कि यह उनकी स्वतंत्रता और व्यवसाय के संचालन में हस्तक्षेप है।

इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। कुछ स्थानीय नेताओं ने पंडित शास्त्री के इस कदम का समर्थन किया है और कहा है कि इससे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। वहीं, कुछ नेताओं ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताते हुए इसका विरोध किया है।

इस बीच, पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के समर्थक भी इस कदम के पक्ष में खड़े हो गए हैं और धाम में नेम प्लेट लगाने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने का आग्रह कर रहे हैं। वे मानते हैं कि इससे धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाजनक और सुरक्षित वातावरण मिलेगा।

वहीं, प्रशासन ने भी इस मामले में अपनी निगाहें गड़ा रखी हैं और विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश कर रहा है। प्रशासन का कहना है कि किसी भी प्रकार की हिंसा या असुरक्षा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी पक्षों से बातचीत करके समाधान निकाला जाएगा।

इस विवाद ने बागेश्वर धाम के आसपास के माहौल को गरमा दिया है और सभी की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि यह मामला कैसे सुलझता है। पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के इस कदम के बाद नेम प्लेट लगाने की प्रक्रिया कितनी सफल होती है और इससे क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ता है, यह देखने वाली बात होगी।

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