समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15जुलाई। नौकरीपेशा वालों को आने वाले बजट से काफी उम्मीदें हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि यूनियन बजट के बाद सैलरी से कटने वाला प्रोविडेंट फंड (PF) बढ़ाया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रोविडेंट फंड के लिए सैलरी की अधिकतम लिमिट को बढ़ाया जा सकता है. बजट में इस तरह के ऐलान की संभावना बनी हुई है. वेज सेलिंग को बढ़ाने का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर सकती हैं. गौरतलब है कि प्रोविडेंट फंड को लेकर वेज सिलिंग 15,000 रुपये है. यह बदलाव 1 सितंबर 2014 में किया गया था. उस समय इसे 6500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया.
इसे 15000 से बढ़ाकर 25000 रुपये तक करने का प्रस्ताव सामने रखा गया था. अब इस पर अमल होता है तो 10 साल के बाद यह पहला मौका होगा, जब वेज सेलिंग में बदलाव हो जाएगा. इस लेकर लेबर मिनिस्ट्री ने एक प्रस्ताव भी दिया है.
इस तरह से पीएफ फंड के तहत वेज सेलिंग के बढ़ जाने से कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड में योगदान बढ़ेगा. इसके साथ पीएफ में बचत बढ़ेगी. सरकार सोशल सिक्योरिटी के दायरे को बढ़ाने पर विचार कर रही है. यहां पर न्यूनतम सैलरी लिमिट बढ़ने का असर दोनों सैलरी पर पड़ेगा चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट. लेबर मंत्रालय का कहना है कि ईपीएफ और ईएसआईसी (ESIC) के तहत वेतन सीमा को एक जैसा होना बेहद जरूरी है.
कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 (EPFO) के तहत सैलरी का एक भाग कर्मचारी और दूसरा हिस्सा कंपनी की ओर से जमा होता है. दोनों ओर से 12-12 प्रतिशत राशि जमा होती है. कर्मचारी की सैलरी से लिया गया पैसा उसके पीएफ अकाउंट में समिट हो जाती है. वहीं कंपनी की ओर से दिया योगदान 8.33% ईपीएस ( Earnings Per Share) में आता है. वहीं 3.67% पीएफ अकाउंट में जमा हो जाता है.