लोकसभा चुनाव: जाट बाहुल्य हिसार में चौटाला परिवार के तीन सदस्य एक-दूसरे के सामने, यहाँ जानें किसका पलड़ा है भारी?

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17मई। देश में लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है. चार चरण की वोटिंग भी पूरी हो चुकी है. 20 मई को 5वें फेज में लोकसभा की 49 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. छठे फेज का चुनाव 25 मई को और 7वें फेज की वोटिंग 1 जून को होगी. हरियाणा में वोटिंग नहीं हुई है. राज्य में 25 मई को सभी 10 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. चुनावी सरगर्मियों के बीच हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट की काफी चर्चा हो रही है. हिसार लोकसभा सीट पर जीतने वाला उम्मीदवार आम तौर पर अगले चुनाव से पहले पार्टी बदल लेता है.

चौटाला परिवार का रहा है दबदबा
यह सीट हमेशा से ही हरियाणा के चौटाला परिवार के लिए काफी अहम रहा. हालांकि, इस बार चौटाला परिवार के तीन सदस्य आपस में ही लड़ रहे हैं. देवी लाल, भजन लाल और किसान नेता सर छोटू राम के पोते बीरेंद्र सिंह के परिवारों ने इस जाट बहुल निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ा है. देवी लाल और बीरेंद्र सिंह ने हरियाणा के सबसे बड़े वोटिंग समूह जाटों का नेतृत्व किया, जबकि भजन लाल बिश्नोई समाज से हैं.

ससुर और दो बहुओं की जंग
इस बार बीरेंद्र सिंह और भजन लाल के परिवार के सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, जबकि चौटाला कबीले (देवीलाल के परिवार) के तीन सदस्य-दो बहुएं और एक ससुर-अलग-अलग पार्टियों की तरफ से मैदान में हैं. BJP ने देवी लाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला को मैदान में उतारा है. अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद, चौटाला पार्टी में शामिल हो गए. साल 2019 के वह विधानसभा चुनाव में निर्दलीय विधायक चुने गये थे. वहीं, जननायक जनता पार्टी (JJP) ने नैना चौटाला को मैदान में उतारा है. वह देवीलाल के पोते अजय सिंह चौटाला की पत्नी और पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मां हैं. इंडियन नेशनल लोकदल ने सुनैना चौटाला को मैदान में उतारा है. सुनैना दिवंगत प्रताप सिंह चौटाला के बेटे रवि चौटाला की पत्नी हैं. रवि लाल देवीलाल के सबसे छोटे बेटे थे.

2019 चुनाव का क्या था नतीजा?
साल 2019 में चौटाला परिवार को विभाजन का सामना करना पड़ा था. इसके बाद अजय चौटाला और उनका परिवार, जिसमें पत्नी नैना और बेटे दुष्यंत, दिग्विजय और उनके वफादार शामिल थे INLD से अलग हो गए और JJP का गठन किया. 2019 के लोकसभा चुनावों में, तीनों राजनीतिक परिवारों के वंशजों ने चुनाव लड़ा, लेकिन सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह ने JJP के दुष्यंत चौटाला (देवीलाल के पोते) और कांग्रेस के भव्य बिश्नोई (भजन लाल के पोते) को हराकर BJP के टिकट पर चुनाव जीता था. हालांकि साल 2022 तक तीनों हरियाणा में राजनीतिक गलियारे में एक ही तरफ थे, क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनावों के बाद JJP ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया और भाव्या ने बीजेपी के टिकट पर हिसार लोकसभा की आदमपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की. पिता कुलदीप बिश्नोई भी भगवा पार्टी में शामिल हो गए.

अब मौजूदा सांसद बृजेंद्र अपने पिता के साथ वापस कांग्रेस में चले गए हैं और JJP और बीजेपी का गठबंधन खत्म हो गया है. वहीं, कांग्रेस ने जय प्रकाश, जिन्हें प्यार से जेपी कहा जाता है को मैदान में उतारा है. वह इस सीट से तीन बार निर्वाचित हुए, लेकिन हर बार अलग पार्टी से. पिछली बार 2004 में कांग्रेस ने यह सीट जीती थी और जेपी उसके उम्मीदवार थे. जेपी भी जनता दल और हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर यह सीट जीत चुके हैं.

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