होलिका दहन के दिन करें श्री कृष्णाष्टकम स्तोत्र का पाठ, जीवन में आएगी सभी प्रकार की सुख-समृद्धि

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23मार्च। वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन पर्व हर्षोल्लाह के साथ मनाया जाता है. इस विशेष दिन पर होलिका दहन की जाती है और भगवान श्री कृष्ण, भगवान विष्णु और राधा रानी की विशेष उपासना का भी विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होली के शुभ अवसर पर भगवान श्री कृष्ण की उपासना करने से जीवन में सभी प्रकार की सुख और समृद्धि आती है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि भगवान श्री कृष्ण को होली का पर्व बहुत ही प्रिय है. ऐसे में इस विशेष दिन पर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित स्तोत्र व मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. आइए पढ़ते हैं, श्री कृष्णाष्टकम स्तोत्र.

श्री कृष्णाष्टकम स्तोत्र
भजे व्रजैकमण्डनं समस्तपापखण्डनं,
स्वभक्तचित्तरञ्जनं सदैव नन्दनन्दनम् .
सुपिच्छगुच्छमस्तकं सुनादवेणुहस्तकं,
अनंगरंगसागरं नमामि कृष्णनागरम् ..

मनोजगर्वमोचनं विशाललोललोचनं,
विधूतगोपशोचनं नमामि पद्मलोचनम् .
करारविन्दभूधरं स्मितावलोकसुन्दरं,
महेन्द्रमानदारणं नमामि कृष्णवारणम् ..

कदम्बसूनकुण्डलं सुचारुगण्डमण्डलं,
व्रजाङ्गनैकवल्लभं नमामि कृष्ण दुर्लभम् .
यशोदया समोदया सगोपया सनन्दया,
युतं सुखैकदायकं नमामि गोपनायकम् ..

सदैव पादपङ्कजं मदीयमानसे निजं
दधानमुत्तमालकं नमामि नन्दबालकम् .
समस्तदोषशोषणं समस्तलोकपोषणं,
समस्तगोपमानसं नमामि नन्दलालसम् ..

भुवोभरावतारकं भवाब्धिकर्णधारकं,
यशोमतीकिशोरकं नमामि चित्तचोरकम् .
दृगन्तकान्तभङ्गिनं सदासदालसङ्गिनं,
दिने दिने नवं नवं नमामि नन्दसंभवम् ..

गुणाकरं सुखाकरं कृपाकरं कृपापरं,
सुरद्विषन्निकन्दनं नमामि गोपनन्दनम् .
नवीनगोपनागरं नवीनकेलिलंपटं,
नमामि मेघसुन्दरं तटित्प्रभालसत्पटम् ..

समस्तगोपनन्दनं हृदंबुजैकमोदनं,
नमामि कुञ्जमध्यगं प्रसन्नभानुशोभनम् .
निकामकामदायकं दृगन्तचारुसायकं,
रसालवेणुगायकं नमामि कुञ्जनायकम् ..

विदग्धगोपिकामनोमनोज्ञतल्पशायिनं,
नमामि कुञ्जकानने प्रवृद्धवह्निपायिनम् .
यदा तदा यथा तथा तथैव कृष्णसत्कथा,
मया सदैव गीयतां तथा कृपा विधीयताम् ..

प्रमाणिकाष्टकद्वयं जपत्यधीत्य यः पुमान् .
भवेत्स नन्दनन्दने भवे भवे सुभक्तिमान् ..

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