समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 18मार्च। मुंबई पुलिस ने जेएसडब्ल्यू समूह के अध्यक्ष सज्जन जिंदल के खिलाफ 30 वर्षीय महिला द्वारा दर्ज बलात्कार के मामले में शनिवार को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की और उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया। पुलिस ने बताया कि उसने जांच पूरी होने के बाद दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत ‘बी’ समरी रिपोर्ट सौंपी है और इसके अनुसार शिकायत झूठी थी।
मुंबई पुलिस के अनुसार अदालत को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्हें जांच के दौरान जिंदल के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
घटना के दिन को होटल नहीं गये थे जिंदल
बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) पुलिस को जांच पड़ताल में पता चला कि जिस दिन का महिला ने दावा किया था कि उद्योगपति सज्जन जिंदल ने उसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी, उस दिन वह होटल नहीं गये थे। क्लोजर रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने उस दिन होटल के गवाहों की गवाही भी ली है जिसको इसमें शामिल किया गया है।
इस मामले में एफआईआर पिछले साल दिसंबर में दर्ज की गई थी जब मुंबई की एक महिला ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उसके वकीलों ने कोर्ट को अवगत कराया था कि उसने पहली बार फरवरी 2023 में बीकेसी पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने उसकी शिकायत पर गौर नहीं किया। महिला ने अपनी कंप्लेंट में कहा था कि उसके साथ घटित यह घटना 24 दिसंबर, 2021 की है।
जांचकर्ताओं ने कहा कि कोर्ट को लिखित में इससे भी अवगत कराया है कि शिकायतकर्ता को बार-बार बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित होने को कहा गया. बाजवूद इसके वह उपस्थित नहीं हुईं। पुलिस का कहना है कि उन्होंने (शिकायतकर्ता) ने कोर्ट का समय बर्बाद किया है।पुलिस ने सभी गवाहों की गवाही और एकत्र सबूतों के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि महिला के साथ कोई गलत कृत्य नहीं हुआ था। पुलिस ने मजिस्ट्रेट कोर्ट से ‘समरी जजमेंट’ देने का आग्रह किया है। यह जजमेंट बिना सुनवाई किए दिया जाने वाला निर्णय होता है।