राजनीतिक व्यंग्य और नया भारत
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★ पता है गांधी ने अहिंसा का मार्ग क्यों चुना..?
क्योंकि उनके शरीर में एक लाठी खाने का भी दम नहीं था।
★ रामजी की लीला है न्यारी..
28 वकीलों ने राममंदिर के खिलाफ केस लड़ा।
19 #कैंसर_से_मरे, और बांकी के 9 किसी न किसी #गंभीर_बीमारी_से ग्रसित हैं।
★ अगर सरकार पेट्रोल 20-30 रुपये प्रति लीटर सस्ता कर भी दे, तो क्या मोदी विरोधी मोदीजी को वोट देंगे..?
नहीं ना…
#तो_फिर_रोने_दो_सालों_को….
★ सिगरेट के पैकेट और शराब की बोतल पर स्पष्ट शब्दों में मौत लिखा होता है,
फ़िर भी लोग पीते हैं..
और
वैक्सीन की गारंटी चाहिए।
★ 6 वर्ष की अंधभक्ति ने कश्मीर का इतिहास और अयोध्या का नक्शा बदल दिया..!
परन्तु 70 वर्षों की चमचागिरी एक अध्यक्ष नहीं बदल पा रही..!!
★ शिशु मंदिर की तुलना पाकिस्तान के मदरसों से करके राहुल गांधी ने अपना स्तर बता दिया।
नीचता की राजनीति।
मुझे गर्व है, मैं शिशु मंदिर का छात्र रहा हूँ
वाले कुछ लोग अब तापसी, अनुराग के घर छापा पड़ने पर छाती, पीट रहे हैं, यही तो खूबसुरती है,
#इस_देश_की…
★ बीजेपी के दो प्रधानमंत्री आये, एक मस्जिद तुङवाकर गये,और दूसरा मंदिर बनवाकर..
तीसरा योगी…….
खेर छोड़ो।
जय श्री राम
★ अवसरवादी पाखंडी राजनीति
मोदी के आने का परोक्ष लाभ यह हुआ कि
जयचंदों की संख्या कम हुई न हुई हो,
पर एक जयचंद पर दस पृथ्वीराज तो पैदा हो ही गए।
★ विपक्षी नमूनों के मुताबिक़….
केवल मोदीजी ही सूट बूट ओर अच्छी स्टाइल के कपडे पहनते है।
बाकी नेहरू चड्ढी बनियान
राजीव जी लंगोट
और मौनमोहन तो केले के पत्ते लपेटते थे।
★ अजीब इतिहास है आजादी का,
लड़ाई गांधी ने लड़ी, जेल सावरकर गए, फांसी भगत को हुई, गोली आजाद ने खाई, लापता सुभाष हो गए, पटेल चुने गए और कुर्सी नेहरू को मिली..!!
★ प्रियंका वाड्रा गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के, मंदिर निर्माण में चंदा न देने के बारे में एक ही बात कही जा सकती हैं…
कि
‘भूत पिचाश निकट नहीं आवे,
महावीर जब नाम सुनावे’..
★ BJP वालों की टैगलाइन है
*”मोदी है तो मुमकिन है”*
सुनने में आया है कांग्रेस वालों ने भी
अपनी टैग लाइन बना ली है!
*”राहुल है तो मुश्किल है..”