राष्ट्रीय हित में मतदान करें, शत-प्रतिशत मतदान करे, श्री राम मंदिर का निर्माण- अब रामराज्य की ओर: विनोद बंसल

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27जनवरी। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राम मंदिर के उद्घाटन से रामराज्य की शुरुआत होने की बात कही है. विहिप ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक नया युग शुरू हो गया है और अब श्री राम मंदिर से रामराज्य की शुरुआत हो चुकी है.

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद ने सोमवार को अयोध्या में अपने केंद्रीय न्यासी बोर्ड और गवर्निंग काउंसिल की बैठक में दो प्रस्ताव- राष्ट्रीय हित में मतदान करें और शत-प्रतिशत मतदान करें और श्री राम मंदिर का निर्माण- अब रामराज्य की ओर, पारित किए.

विहिप ने प्रस्ताव में क्या कहा?
‘श्रीराम मन्दिर का निर्माण- अब रामराज्य की ओर’ शीर्षक वाले संकल्प में कहा गया है कि 22 जनवरी 2024 (पौष शुक्ल द्वादशी, संवत् 2080) विश्व के इतिहास में एक स्वर्णिम तिथि बन गयी है. इस दिन 496 वर्षों के संघर्ष की गौरवमयी, सफल, सुखद परिणिति की अनुभूति सम्पूर्ण विश्व को हुई. रामलला के साथ उनकी मर्यादाओं व हिन्दू संस्कृति की भी पुन: प्राण प्रतिष्ठा हुई. इस दिन यह सिद्ध हो गया कि राम ही राष्ट्र हैं और राष्ट्र ही राम हैं.

‘राष्ट्र विरोधी षड़यंत्र धूमिल हो गये’
संकल्प में कहा गया, ‘समस्त विघटनकारी व राष्ट्र विरोधी षड़यंत्र धूमिल हो गये. सम्पूर्ण विश्व भी इस दिन आह्लादित था क्योंकि उन्हें लगा कि एक नये भविष्य की रचना की जा रही है. हिन्दू समाज ने जन्मभूमि पर मन्दिर निर्माण के लिए विश्व का सबसे लम्बा संघर्ष किया. 76 बार हुए भीषण युद्धों में सम्पूर्ण देश के रामभक्तों ने सहभागिता की, इनके बिना यह पावन दिवस सम्भव नहीं था. इन संघर्षों में बलिदान हुए लाखों बलिदानियों को प्रन्यासी मण्डल नमन् करता है.’

लोकसभा चुनाव को लेकर किया ये आह्वान
संकल्प में राम मंदिर आंदोलन में शामिल रहे महंत रामचंद्र परमहंस और महंत अवैद्यनाथ समेत अनेक साधु संतों के प्रति आभार प्रकट किया गया. बैठक में प्रस्तुत एक अन्य प्रस्ताव में सभी मतदाताओं से शत प्रतिशत मतदान का आह्वान करते हुए कहा गया, ‘भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. प्रत्येक पांच वर्षों के बाद राष्ट्रीय निर्वाचन का महापर्व आता है. लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के संचालन के लिए मतदान अत्यन्त आवश्यक है. यह हमारा राष्ट्रधर्म भी है. आगामी लोकसभा निर्वाचन की तिथियों की घोषणा कभी भी हो सकती है.’

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘विश्व हिन्दू परिषद का प्रन्यासी मण्डल हिन्दू समाज से आह्वान करता है कि अपने निजी स्वार्थ, जातिगत अभिनिवेश, भाषावाद, सम्प्रदायवाद व क्षेत्रवाद आदि भेदभावों को छोड़कर राष्ट्रहित में मतदान अवश्य करें. यह निर्वाचन भारत के भविष्य को निर्धारित करने वाला है. आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित, समृद्ध और शक्तिशाली भारत सौंपना हम सबका सामूहिक दायित्व है. इस कार्य के लिए ऐसी सरकार का निर्वाचन आवश्यक है जो भारतीय संस्कृति व जीवन मूल्यों का सम्मान तथा उनकी रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हो.’

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.