मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता, नौकरी में तो कतई नहीं’, पीएम मोदी ने संसद में पढ़ी नेहरू की चिट्ठी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने एक बार फिर देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू का जिक्र किया. लेकिन इस बार नेहरू का जिक्र आरक्षण के संदर्भ में किया. प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक बार नेहरू जी ने एक चिट्ठी लिखी थी और ये उस समय देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी है. मैं इसका अनुवाद पढ़ रहा हूं. मोदी इसी चिट्ठी का अनुवाद पढ़ते हुए कहते हैं, ‘मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं. मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे और दोयम दर्जे की तरफ ले जाए. ये पंडित नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी है।।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जिस कांग्रेस ने ओबीसी को पूरी तरह से आरक्षण नहीं दिया, कभी सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण नहीं दिया, जिसने बाबा साहब को भारत रत्न देने योग्य नहीं समझा, वह सिर्फ अपने परिवार को ही भारत रत्न देते रहे। वे अब हमें सामाजिक न्याय का उपदेश दे रहे हैं और पाठ पढ़ा रहे हैं। जिनके पास नेता के रूप में कोई गारंटी नहीं है वे मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं।।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जिस कांग्रेस ने सत्ता के लालच में सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट दिया था, जिस कांग्रेस ने दर्जनों बार लोकतांत्रिक तरीके से आई सरकारों को रातों-रात बर्खास्त कर दिया था, जिस कांग्रेस ने अखबारों पर भी ताले लगाने की कोशिश की थी, अब देश को तोड़ने का नैरेटिव उस कांग्रेस ने गढ़ना शुरू कर दिया है। अब देश को उत्तर-दक्षिण में तोड़ने के बयान दिए जा रहे हैं।।।”