समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,5नवंबर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां काफी तेज है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों ही चुनाव को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. लेकिन इनके बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में शनिवार को संदिग्ध नक्सलियों ने चुनाव प्रचार पर निकले भाजपा नेता रतन दुबे की धारदार हथियार से हत्या कर दी. पुलिस अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के झारा घाटी थानाक्षेत्र अंतर्गत कौशलनार गांव के पास संदिग्ध नक्सलियों ने भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष और नारायणपुर जिला पंचायत सदस्य रतन दुबे की धारदार हथियार से हमला करके हत्या कर दी. उन्होंने बताया कि नारायणपुर शहर के निवासी दुबे जब चुनाव प्रचार के लिए झारा घाटी थानाक्षेत्र में थे, तब उन पर नक्सलियों ने हमला कर दिया. अधिकारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल के लिए पुलिस दल रवाना किया गया तथा शव बरामद कर उसे जिला मुख्यालय नारायणपुर भेजा गया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है तथा मामले की जांच की जा रही है.
वहीं, एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब दुबे एक सभा को संबोधित कर रहे थे तब दो लोग भीड़ से निकले और पीछे से उनके सिर पर हमला कर दिया. उन्होंने बताया, ‘दुबे अपनी कार की ओर भागे और अंदर जाने की कोशिश की, लेकिन कुछ और लोगों ने उन्हें घेर लिया और उन पर तेज धार वाले हथियारों से हमला कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना पर शोक व्यक्त करते हुए भाजपा नेता ओम माथुर ने X पर एक पोस्ट में कहा, ‘बीजेपी छत्तीसगढ़ के नारायणपुर विधानसभा के संयोजक व जिला उपाध्यक्ष रतन दुबे जी की प्रचार के दौरान नक्सलियों द्वारा निर्ममता से की गयी हत्या से मैं बेहद व्यथित हूँ, इस कायरतापूर्ण घटना की समूची पार्टी निंदा करती है.’
माथुर ने इस घटना को ‘लक्षित हत्या’ करार दिया और कहा कि नक्सलियों को लग रहा है कि भाजपा आएगी तो उनका सफाया हो जाएगा, इसलिए वह इसमें रोड़ा अटकाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘भाजपा के सभी कार्यकर्ता दुबे के परिवार के साथ हैं। हम नक्सलवाद का सफाया करेंगे.’ वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने घटना को लेकर कांग्रेस आरोप लगाया और कहा कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ से उखड़ चुकी है, इसलिए हिंसा को बढ़ावा देकर भय का माहौल बनाने की जिम्मेदारी परोक्ष रुप से नक्सलियों को सौंप दी गई है.