‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने ‘‘संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण’’ के साथ भर्ती और पदोन्नति प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाया है: डॉ. जितेंद्र सिंह

डॉ.जितेंद्र सिंह ने सीजीएलई 2022 के 846 सीधे भर्ती एएसओ के लिये फाउंडेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27अक्टूबर। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु उर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हर स्तर पर क्षमता निर्माण के महत्व पर जोर दिया और कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सभी वर्गों के कर्मचारियों के क्षमता निर्माण कार्यक्रम को संस्थागत बना दिया है। डॉ. जितेंद्र सिंह आज नयी दिल्ली में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) में चल रहे संयुक्त स्नातक स्तर परीक्षा (सीजीएलई) 2022 (फेस -1) के 846 सीधे भर्ती सहायक अनुभाग अधिकारियों (एएसओ) के 9-सप्ताह लंबे बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम (एफटीपी) को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि विभिन्न वर्गो में भर्ती नये कर्मचारियों के लिये मिशन कर्मयोगी मंच के तहत विशिष्ट प्रशिक्षण मॉडयूल्स की शुरूआत की गई है।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम देश में चार अन्य केन्द्रों के साथ चल रहा है जो कि वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े हुये हैं।

195 प्रशिक्षु आईआईपीए में उपस्थित थे जबकि शेष आनलाइन जुड़े हुये थे। आनलाइन जुड़े प्रशिक्षु आईएसटीएम, बीआईपीएआरडी, एमसी रेड्डी इंस्टीट्यूट, हैदराबाद और एकेडमी आफ एडमिनिस्ट्रेशन, भोपाल में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह आईआईपीए के चेयरमैन भी हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि क्षमता निर्माण एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है और सरकार में सीबीसी होने का निर्णय अपने आप में क्षमता निर्माण प्रक्रिया की दिशा में उठाया गया कदम है। यह कदम प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘संपूर्ण सरकार दृष्टिकोण’ के परिणामस्वरूप पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा कार्यालय सहित जीवन के हर क्षेत्र में कार्य के प्रति काफी स्पष्ट दृष्टिकोण रहा है, इसलिये चाहे कोई भी विभाग हो आपको अलग-थलग रहकर काम नहीं करना पड़ेगा।’’

 

इस तथ्य की प्रशंसा करते हुये कि एएसओ प्रशिक्षुओं का वर्तमान बैच शैक्षिक रूप से बहुत प्रभावी प्रोफाइल वाला है, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह सब सरकार में समूह-सी पदों के लिये साक्षात्कार की जरूरत समाप्त किये जाने सहित प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किये गये अभूतपूर्व सुधारों का परिणाम है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नई भर्तियों के अलावा प्रधानमंत्री ने पदोन्नति की पूरी प्रक्रिया को भी सुव्यवस्थित किया है और बड़ी संख्या में पदोन्नति की शुरूआत की है जिससे कि पिछले कई दशकों से अटके पड़े पदोन्नति मामलों का समाधान कर लिया गया।

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने पिछले महीने ही एएसओ के पद पर काम कर रहे 1,592 अधिकारियों की एसओ पद पर तुरंत प्रभाव से तदर्थ पदोन्नति को मंजूरी दी है। केवल पिछले साल ही बड़ी संख्या में 9,000 पदोन्नतियां हुई और इससे पहले पिछले तीन साल के दौरान डीओपीटी ने 4,000 पदोन्नतियां की हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्वतंत्र भारत की सदी के अंतिम 25 वर्ष जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने अमृतकाल का नाम दिया है, युवाओं के लिये उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने का ‘‘सबसे बेहतर समय’’ बनकर सामने आया है।

उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा प्रणाली के लोकतांत्रीकरण, ज्ञान-सूचनाओं और तैयारी सामग्री तक आसान पहुंच तथा एक वर्ग से दूसरे के बीच सामंती वर्ग भेदभाव समाप्त होने से युवाओं की तीसरी पीढ़ी के बीच आज आकांक्षा का स्तर उपर उठा है।’’

इस अवसर पर आईआईपीए और राष्ट्रीय दूरसंचार संस्थान (एनटीआईपीआरआईटी), गाजियाबाद (भारतीय संचार सेवा का शीर्ष संस्थान) के बीच अकादमिक सहयोग के लिये समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये। केन्द्रीय मंत्री की उपस्थिति में आईआईपीए के डीजी  एसएन त्रिपाठी और एनटीआईपीआरआईटी के डीजी  देब कुमार चक्रवर्ती ने एमओयू का आदान-प्रदान किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर पदोन्नति पाने वाले अथवा वेतन के अगले स्तर पर पहुंचने वाले 21 कार्यालय सदस्यों को पदोन्नति प्रमाणपत्र भी प्रदान किये।

 

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.