चुनाव से पहले मुफ्त में चीजें बांटने के वादों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र, चुनाव आयोग और दो राज्यों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6अक्टूबर। चुनाव से पहले फ्री में चीजें बांटने के वादों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले मुफ्त में चीजें बांटने के वादों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

सुप्रीम कोर्ट में मुफ्त के वादों पर पहले से एक याचिका लम्बित है. कोर्ट आगे उसी याचिका के साथ इस पर सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता का कहना था कि चुनावी लाभ की योजनाओं से लोगों पर बोझ पड़ता है. याचिका में मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार पर विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को मुफ्त सुविधाएं बांटने का आरोप लगाया गया है. ये भी आरोप लगाया गया कि करदाताओं के पैसे का दो राज्य सरकारों द्वारा दुरुपयोग किया जाता है. चुनाव से पहले सरकार द्वारा नकदी बांटने से ज्यादा क्रूर कुछ नहीं हो सकता.

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा,“ऐसा हर बार हो रहा है और इसका बोझ अंततः करदाताओं पर पड़ता है.” सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया और चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए कहा.

 

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