समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5अक्टूबर। दिल्ली कैंट स्थित आर्मी हॉस्पिटल (R & R) के कान, नाक और गला (ENT) विभाग ने पिछले 18 महीनों में मरीजों के दोनों कानों में एक साथ कॉक्लियर ट्रांसप्लांट के 50 ऑपरेशन किए हैं. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह इतने सफल ट्रांसप्लांटऑपरेशन करने वाला देश का एकमात्र सरकारी अस्पताल बन गया है.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि कॉक्लियर इम्प्लांट एक अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण है. इसके जरिए सुनने में अक्षम मरीजों को न सिर्फ सुनने में मदद मिलती है, बल्कि यह उन्हें मुख्यधारा में आने में सक्षम बनाता है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस इम्प्लांट की कीमत हमेशा चिंता का विषय रही है, जिससे इसकी पहुंच सीमित हो गई. चिकित्सा मानकों को विकसित देशों के बराबर लाने वाली यह देश की पहली नीति थी.
सरकार द्वारा वित्त पोषित अधिकांश कार्यक्रमों में बच्चों को केवल एक कॉक्लियर इम्प्लांट दिया जाता है. हालांकि दोनों कानों से सुनने का लाभ इसकी कीमत से कहीं ज्यादा है और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा ने इस बात को तत्काल महसूस किया. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मार्च 2022 में, सशस्त्र बलों में श्रवण-बाधित रोगियों के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट की नीति को संशोधित किया गया. इसमें एक साथ दोनों कानों में ट्रांसप्लांट को शामिल किया गया.
डीजी सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह और डीजीएमएस (सेना) लेफ्टिनेंट जनरल अरिंदम चटर्जी ने इसके लिए आर्मी हॉस्पिटल को बधाई दी है और संस्थान को और अधिक सम्मान मिलने की कामना की है.
बता दें कि आर्मी हॉस्पिटल (R&R) सशस्त्र बलों का शीर्ष अस्पताल है और इस समय इसकी कमान लेफ्टिनेंट जनरल अजित नीलकांतन के पास है, जो ईएनटी और हेड एंड नेक ऑन्कोसर्जरी के विशेषज्ञ हैं.