दिल्ली विश्वविद्यालय में डिजिटल इंडिया टॉक शो सह इंटरएक्टिव सत्र किया गया आयोजित

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19सितंबर। दिल्ली विश्वविद्यालय में सोमवार को डिजिटल इंडिया टॉक शो सह इंटरएक्टिव सत्र का सफल आयोजन किया गया। अगले 6 महीने में नियोजित कार्यशालाओं की श्रृंखला में यह दूसरा आयोजन था। इसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) ने डिजिटल इंडिया जागरूकता अभियान के हिस्से के रूप में आयोजित किया।

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिसमें विभिन्न कॉलेजों के छात्र, शिक्षक और विश्वविद्यालय कर्मचारी शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद कार्यक्रम में एनईजीडी और डीयू दोनों के अधिकारियों ने मुख्य भाषण दिया।

एमईआईटीवाई में एनईजीडी के निदेशक जे एल गुप्ता ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे इसकी प्रमुख पहल देश में डिजिटल परिवर्तन ला रही हैं, जिससे देश के दूर-दराज के इलाकों तक ऐसी पहल की बेहतर पहुंच बढ़ाने में मदद मिल रही है।

दिल्ली विश्वविद्यालय में कंप्यूटर सेंटर के निदेशक प्रोफेसर संजीव सिंह ने सभी लोगों तक इसकी बेहतर समझ और लाभ पहुंचाने के लिए सरकार और विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने डिजिलॉकर, नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (एनएडी) और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) जैसी पहलों के लिए विश्वविद्यालय द्वारा एमईआईटीवाई के साथ किए गए विभिन्न सहयोगों के बारे में भी जानकारी साझा की।

इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफलॉन्ग लर्निंग (आईएलएलएल) के निदेशक और दिल्ली विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग के एचओडी प्रोफेसर संजय रॉय ने छात्रों के जीवन में डिजिटलीकरण के लाभों और डिजिटल दुनिया में नैतिकता की आवश्यकता के बारे में बात की।

उमंग, डिजिलॉकर, नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी- एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एनएडी-एबीसी), साइबर सुरक्षा, मायस्कीम और यूएक्स4जी जैसी पांच प्रमुख डिजिटल इंडिया पहलों पर विशेषज्ञों ने आकर्षक सत्र आयोजित किए। विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे डिजिटल इंडिया पहल से छात्रों, शिक्षकों और नागरिकों का बड़े पैमाने पर लाभ हो सकता है। प्रत्येक सत्र के बाद, एक प्रश्नोत्तरी दौर का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने सीधे विशेषज्ञों से पहल के बारे में जानकारी ली।

इस कार्यशाला का एक मुख्य आकर्षण इंटरैक्टिव डिजिटल इंडिया प्रश्नोत्तरी थी, जिसमें पांच परियोजनाओं से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए। प्रश्नोत्तरी में छात्रों और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों दोनों ने उत्साह के साथ भाग लिया। प्रश्नोत्तरी के विजेताओं को डिजिटल इंडिया उपहार और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।

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