‘India’ या ‘Bharat’? जानिए क्या है भारतीय संविधान..

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5सितंबर। G20 शिखर सम्मेलन अब से कुछ ही दिन बाद नई दिल्ली में होने वाला है. इस बीच खबर है कि G20 के लिए भेजे गए निमंत्रण पत्र में ‘India ‘ की जगह ‘Bharat‘ शब्द का इस्तेमाल किया गया है. निमंत्रण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘इंडिया की राष्ट्रपति’ के बजाय ‘भारत की राष्ट्रपति’ के रूप में संदर्भित किया गया है. इसको लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है.

संसद के विशेष सत्र में संविधान में इंडिया शब्द को हटाने के लिए बिल पेश करने चर्चा के बीच असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने भी ट्वीट कर कहा कि ‘भारत गणराज्य’ . उन्होंने कहा कि वे खुश और गौरवान्वित हैं कि हमारी सभ्यता साहसपूर्वक अमृत काल की ओर आगे बढ़ रही है.

इंडिया या भारत? भारतीय संविधान में क्या लिखा है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ है. इसका मतलब ये हुआ कि संविधान का अनुच्छेद 1 ‘इंडिया’ और ‘भारत’ दोनों को देश के आधिकारिक नामों के रूप में मान्यता देता है.

अब सवाल ये उठता है कि क्या केंद्र ‘इंडिया’ को हटाकर ‘भारत’ को एकमात्र आधिकारिक नाम बनाने के लिए संविधान में संशोधन करने की योजना बना रहा है?

मार्च 2016 में,’इंडिया’ के बजाय ‘भारत’ एकमात्र नाम के इस्तेमाल की मांग वाली जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी. कोर्ट ने याचिका पर कड़ी आपत्ति जताते हुए खारिज कर दिया था.

तत्कालीन चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर और जस्टिस यूयू ललित सहित एक बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि ऐसी याचिकाओं पर विचार नहीं किया जाएगा.

ठाकुर ने उस समय कहा था,

“भारत या इंडिया? आप भारत कहना चाहते हैं, कह सकते हैं.”

ठीक चार साल बाद यानी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर ‘इंडिया’ से ‘भारत’ नाम बदलने की मांग वाली इसी तरह की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया था. अदालत ने कहा था कि याचिका को एक अभ्यावेदन में परिवर्तित किया जा सकता है और उचित निर्णय के लिए केंद्र सरकार को भेजा जा सकता है।

भारत के तत्कालीन चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा था,

“भारत और इंडिया दोनों नाम संविधान में दिए गए हैं. ‘इंडिया’ को संविधान में पहले से ही ‘भारत’ कहा जाता है.”

संविधान में संशोधन कैसे किया जा सकता है?

अगर सरकार चाहती है कि आधिकारिक रूप से ‘इंडिया’ नाम हट जाए, केवल ‘भारत’ नाम का इस्तेमाल हो, इसके लिए सरकार को संविधान में संशोधन करना होगा. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन करने के लिए एक विधेयक पेश करना होगा. अनुच्छेद 368 संविधान को साधारण बहुमत या विशेष बहुमत के जरिए संशोधन की इजाजत देता है.

संविधान के कुछ अनुच्छेद, जैसे किसी नए राज्य को शामिल करना या राज्यसभा में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए सीटों का आवंटन, उपस्थित सदस्यों की कुल संख्या के साधारण बहुमत (यानी, 50 प्रतिशत से अधिक) द्वारा बदला जा सकता है. संविधान में अन्य बदलावों के लिए, जिसमें अनुच्छेद 1 में कोई भी बदलाव शामिल है, उस सदन में उपस्थित और मतदान करने वाले कम से कम दो-तिहाई सदस्यों के विशेष बहुमत (66 प्रतिशत) की आवश्यकता होगी.

इनपुट- एजेंसी

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.