पत्‍नी हर साल देगी 61 लाख, पत्नी से तलाक लेकर मालामाला हुआ पत‍ि, मिला 66 करोड़ का पैकेज

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समग्र समाचार सेवा
लंदन , 02जून। आपने अमीर घरानों के तलाक के बारे में सुना होगा। अरबपतियों का जब तलाक होता है तो उन्हें पत्नी को लाखों, करोड़ों रुपए देने पड़ते हैं। एक वक्त दुनिया के सबसे अमीर शख्स रहे जेफ बेजोस का जब तलाक हुआ तो उन्हें पत्नी मैंकेंजी को 38 अरब डॉलर यानी तकरीबन 2.6 लाख करोड़ रुपए देने पड़े थे।

ऐसे ही कई मामले हैं, जिनमें जब पति ने तलाक दिया तो पत्नी को करोड़ों रुपए देने पड़े। लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है जो इसके बिल्कुल उल्टा है। इसमें तलाक होने पर पत्नी को अपने पति को भारी भरकम रकम देनी पड़ी है।

लंदन के बिजनेस घराने का मामला
यह मामला लंदन के एक बिजनेस घराने का है। दरअसल, लुईस बैकस्ट्रॉम और मार्टिन वेनबर्ग की शादी 6 साल पहले हुई थी। शादी के बाद दोनों की ज्यादा दिन आपस में नहीं बनी और दोनों ने अलग होने के फैसला कर लिया। मामला कोर्ट में पहुंचा तो वेनबर्ग ने कहा कि उन्हें पत्नी से 4 अरब रुपए चाहिए। इसके लिए वेनबर्ग ने कोर्ट में कई तरह के तर्क दिए। लेकिन अदालत ने उनकी मांग ठुकरा दी। फ‍िर भी उच्च न्यायालय के उप न्यायाधीश लेस्ली सैमुअल्स ने कहा कि शादी के पूर्व की शर्तों के हिसाब से ही पैसा देना होगा।

पति को देगी 61 लाख रुपए सालाना
कोर्ट ने वेनबर्ग की पत्नी बैकस्ट्रॉम को आदेश दिया कि वह अलग रह रहे अपने पत‍ि को 6.5 मिलियन पाउंड (करीब 66 करोड़ रुपये) का पैकेज दें। साथ ही, उनके रोजाना के खर्च के लिए 60,000 पाउंड यानी तकरीबन 61 लाख रुपये हर साल उन्‍हें देती रहें। जब शादी हुई तो तो बैकस्ट्रॉम बिल्टिमा फाउंडेशन की अध्यक्ष थीं। इसके अलावा बिर्गमा होल्डिंग्स (हांगकांग) लिमिटेड में भी उनके शेयर थे। यह दोनों कंपन‍ियां उनके दादा ने शुरू की थीं। अब उनके पास लगभग 25 अरब रुपये की संपत्‍त‍ि है। वहीं वेबवर्ग की संपत्‍त‍ि सिर्फ 2 करोड़ रुपये थी।

सामान्‍य नहीं था दोनों का रिश्ता
कोर्ट ने कहा कि दोनों की शादी थी लेकिन दोनों का रिश्ता सामान्‍य नहीं था और दोनों अलग-अलग रहते थे। जज ने कहा कि वेनबर्ग ने ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया कि उनकी संपत्‍त‍ि तब इतनी ज्‍यादा थी कि इतने ज्‍यादा पैसों के हकदार बन सकें। उन्‍होंने अपनी वित्‍तीय स्‍थ‍ित‍ि का कभी खुलासा नहीं किया। बार-बार उनसे जानकारी मांगी गई लेकिन उन्‍होंने मुहैया नहीं कराई। बैकस्‍ट्राम ने इसे अदालत की अवमानना करार देते हुए सजा तक देने की मांग की थी।

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