समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 02जून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर स्वयं को देश के “प्रधान सेवक” कहते हैं और भारत के नागरिकों को प्रत्येक नीति निर्माण के केंद्र में स्थान देते हैं। उनके गरिमापूर्ण नेतृत्व, परोपकारी स्वभाव, मानवाधिकार और लोकतंत्र के प्रति सम्मान का भाव और दशकों से जन सेवा के अनुभव जैसे गुण उन्हें भारत की जड़ों से जोड़ते हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि शीर्ष पद पर रहते हुए वे भारत के लोगों, विशेषकर निर्धनों और समाज के शोषित वर्गों की पीड़ा और चिंताओं के प्रति संवेदनशील हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री की वेबसाइट से एक लेख साझा किया हैः-
जन सेवा के उत्कृष्ट रिकॉर्ड के माध्यम से उपेक्षित वर्गों की गरिमा सुनिश्चित करना।
#9YearsOfGaribKalyan
Ensuring dignity for the downtrodden through an impeccable record of service delivery.#9YearsOfGaribKalyanhttps://t.co/aWVpHAaVQL
— PMO India (@PMOIndia) June 1, 2023