चुनाव से पहले भाजपा को तगड़ा झटका, पूर्व डिप्टी सीएम ने प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12 अप्रैल। कर्टनाक में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा को तगड़ा झटका लगा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावड़ी ने आज बुधवार को भगवा दल छोड़ने की घोषणा कर दी. भाजपा आलाकमान ने सावड़ी को इस बार विधानसभा टिकट देने से इनकार कर दिया, जिससे वो खासे नाराज हो गए.

एमएलसी सावड़ी ने अपनी नाराजगी जाहिर करते प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘निश्चित ही मैंने एक निर्णय लिया है. मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला लिया है.’ उन्होंने आगे कहा कि वो कल यानी गुरुवार शाम को एक कड़ा फैसला लेंगे और शुक्रवार से इसपर काम शुरू कर देंगे.

सावड़ी अठानी निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार महेश कुमाथल्ली के हाथों हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने एक बार फिर पार्टी से टिकट की मांग की जिसे इनकार कर दिया. उनकी जगह ‘ऑपरेशन लोटस’ के जरिए पार्टी में आए महेश कुमातल्ली को टिकट दिया गया है.

इसपर सावड़ी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अठानी निर्वाचन क्षेत्र के लोग उनके लिए आलाकमान हैं और उन्हें अपने मतदाताओं के सामने झुकना होगा. उन्होंने कहा, ‘क्या मुझे टिकट के लिए भीख मांगनी पड़ेगी? मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं और एमएलसी के पद से भी इस्तीफा दे रहा हूं.’

उन्होंने कहा कि मैं गुरुवार शाम को राजनीति और चुनाव लड़ने के बारे में अपने फैसले की घोषणा करूंगा. मैं 20 साल से भाजपा में हूं और अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो मैं माफी मांगता हूं. मुझे टिकट मिलने का भरोसा था. एक बाहरी व्यक्ति को टिकट दिया गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर कटाक्ष करते हुए कहा, बोम्मई में देश के प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं. मेरी उनसे व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है.

देना पड़ा था इस्तीफा
बेलागवी जिले में 18 विधानसभा क्षेत्र हैं और विकास के मुद्दे का भाजपा के प्रदर्शन पर असर पड़ने की आशंका है. सावड़ी पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुप्पा के चहेते हैं. विधानसभा सत्र के दौरान अश्लील वीडियो देखने का मामला सामने आने के बाद उन्हें कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था.

बाद में, पार्टी ने उन्हें 2019 में डिप्टी सीएम के पद पर नियुक्त किया जिससे विवाद खड़ा हो गया. पार्टी के भीतर ही कई सवाल खड़े हो गए क्योंकि वह विधानसभा का चुनाव हार चुके थे. जब येदियुरप्पा की जगह बोम्मई मुख्यमंत्री बने तो सावड़ी की कुर्सी चली गई.

पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली ने धमकी दी थी कि अगर महेश कुमतल्ली को अठानी सीट से टिकट नहीं दिया गया तो वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे.

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