समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10अप्रैल। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण एक बहुत बड़ी खगोलीय घटना है और इसलिए दुनियाभर के वैज्ञानिकों की नजर इस पर रहती है. क्योंकि सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है. जहां कुछ राशियों की जिंदगी में यह ग्रहण खुशियां लेकर आता है. वहीं कुछ राशि की जिंदगी में तूफान आने का संकेत देता है. इस बार साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को लगने जा रहा है और हर कोई इससे जुड़ी खबरों पर नजर गढ़ाए बैठा है. क्योंकि सूर्य ग्रहण शुरू होने से लेकर खत्म होने तक कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें करने की मनाही होती है. साथ ही ग्रहण के दौरान कुछ नियमों का भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण होता है. अधिकतर लोग जानते हैं कि सूर्य ग्रहण से पहले सूतक काल लग जाता है और ग्रहण समाप्त होने पर हटता है. यह सूतक काल बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. आइए जानते हैं क्या होता है सूतक काल और इस दौरान कौनसे काम नहीं करने चाहिए.
सूर्य ग्रहण 2023 का समय
बता दें कि खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार इस बार 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. जो कि 20 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. यानि कुछ 5 घंटे 24 मिनट तक सूर्य ग्रहण रहेग. लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.
क्या होता है सूतक काल?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है. यानि सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. इस दौरान कुछ नियमों का विशेष तौर पर ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. खासतौर पर गर्भवती महिलाओ को सूतक काल में बहुत सी सावधानियां बरतनी होती हैं. क्योंकि ग्रहण का प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है.
कुछ लोगों को सूतक काल को लेकर यह भ्रांति है कि सूर्य ग्रहण कहीं भी हो लेकिन सूतक काल हर जगह लगता है. ऐसे में स्पष्ट कर दें कि जहां सूर्य ग्रहण दिखाई देता है, केवल उसी जगह पर सूतक काल मान्य होता है. अन्य जगहों पर सूतक काल नहीं माना जाता.