सायबर पुलिस की बड़ी कार्रवाई-8 हजार फर्जी सिम ब्लॉक कराईं

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समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 16मार्च। प्रदेश में सायबर पुलिस ने सायबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए न केवल 8 हजार से अधिक संदिग्ध सिमों को ब्लॉक कराया है, बल्कि संदिग्ध सिमों को ब्लॉक करने में लापरवाही करने वाली टेलीकॉम कम्पनी के विरुद्ध टेलीकॉम डिपार्टमेंट को पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध कराते हुए टेलीकॉम कम्पनी पर 1,83,000/- रूपये का जुर्माना लगाया है। इसके पहले भी इसी तरह के मामले में मार्च 2022 में सायबर पुलिस ने एक टेलीकॉम कम्पनी की 7.948 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कराई थी

MP राज्य साइबर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस के महानिदेशक योगेश देशमुख (Yogesh Deshmukh) ने बताया कि राज्य सायबर जोन ग्वालियर को वर्ष 2020 में फेसबुक पर फर्जी विज्ञापन देकर कार बेचने के नाम पर 1,75,000 रूपये की धोखाधड़ी संबंधी शिकायत प्राप्त हुई थी जिसकी जांच पर अज्ञात ठगों द्वारा म0प्र0 के ही शिवपुरी और गुना जिले से जारी फर्जी सिम और फर्जी पेटीएम खातों का उपयोग किया जाना पाया गया। सायबर जोन ग्वालियर के एसपी सुधीर अग्रवाल के नेतृत्व में निरीक्षक दिनेश कुमार गुप्ता, सब इंस्पेक्टर अनिल शर्मा की टीम ने प्रकरण की गहन एवं सूक्ष्म जांच करते हुए फर्जी सिम जारी करने और फर्जी पेटीएम खाते बनाने में संलिप्त 8 आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई। लेकिन इसके साथ ही प्रकरण में प्राप्त डाटा के विश्लेषण से 20 हजार से ज्यादा संदिग्ध मोबाइल नम्बरों को भी चिन्हित किया और इनकी सूची बनाकर संबंधित सर्विस प्रोवाइडरों को सत्यापन हेतु भेजा गया। एक टेलीकॉम कम्पनी के मार्च 2022 में 7 हजार 948 सिम ब्लॉक कर दी गई। बाद में इसी कंपनी ने 239 अन्य सिमों को ब्लॉक किया। लेकिन दूसरी टेलीकॉम कम्पनी द्वारा पुन: सत्यापन में सभी सिम सही पाया जाना बताते हुए कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर राज्य सायबर पुलिस ने उपलब्ध साक्ष्यों के साथ डीजी टेलीकॉम को जानकारी भेजी। इसके बाद टेलीकॉम अधिकारी द्वारा सिमों का पुन: परीक्षण किया गया, जिसके बाद 583 सिमें ब्लॉक करने के अलावा रुपए 1,83,000/- का जुर्माना भी संबंधित टेलीकॉम कम्पनी पर लगाया गया है।

इस प्रकार एक अकेले प्रकरण में गहन अनुसंधान और सतत कार्यवाही के द्वारा कुल 8,772 संदिग्ध सिमो को ब्लॉक कराके अनगिनत सायबर अपराध को रोकने में सफलता पाई। वहीं जानबूझकर संदिग्ध सिमो को ब्लॉक न करने पर टेलीकॉम कम्पनी पर जुर्माना लगाए जाने से अब ये कंपनिया अपनी सामाजिक और कानूनी उत्तरदायित्व का निर्वहन करने को बाध्य होंगी।

सावधानी रखें, वर्ना आपके साथ हो सकती है ठग
सायबर अपराधियों द्वारा इस प्रकार की फेक सिनों का प्रयोग करके ही द्वारा देश के नागरिकों के साथ सायबर अपराध विशेषकर ठगी की जाती है। अपराधों की जांच पर पुलिस असली सायबर अपराधियों तक नहीं पहुँच पाती क्योंकि ये सिम निर्दोष नागरिकों की आई.डी. का प्रयोग कर प्राप्त की गई होती हैं। इन सिमों को जारी करने में निर्दोष नागरिकों की आई.डी. का प्रयोग किया जाता है किसी अपराध में प्रयुक्त सिम में जिनके आई0डी0 प्रयुक्त होते हैं, उन्हें पूछताछ में अपनी निर्दोषिता साबित करना होती है ।

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