गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।
जब मैडम ने कहा वाइन ले लूंगी और पानीपत जिमखाना क्लब में वाइन नहीं थी।
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बात अठारह साल पुरानी है। हरियाणा में भी लोकसभा चुनाव हो रहे थे। पानीपत में अनुराग रस्तोगी डिप्टी कमिश्नर थे। साउथ इंडिया से एक महिला आई ए एस अधिकारी ,चुनाव आयोग की प्रेक्षक बन कर आयी थी। शाम को डिप्टी कमिश्नर ने मैडम से पूछा कि क्या हार्ड ड्रिंक लेगी? मैडम ने कहा की हां वाइन ले लूंगी।डिप्टी कमिश्नर ने क्लब के मैनेजर को मैडम को बेहतरीन वाइन सर्वे करने को कहा। उसने डिप्टी कमिश्नर को बताया कि यहाँ तो व्हिस्की उपलब्ध है। । असल में हरियाणा में अंग्रेजी शराब की दुकानो पर लिखा होता है इंग्लिश वाइन एंड व्हिस्की शॉप। सो रस्तोगी साहिब ने समझा की यह वाइन ही होती होगी।
अब समस्या पैदा हो गयी। मैडम के लिए वाइन का प्रबंध करना था। इसी बीच जिमखाना क्लब के मैनेजर ने डिप्टी कमिश्नर के कान में कुछ कहा तो उनकी जान में जान आई। पानीपत में कई निर्यातक रहते है। उनके पास तरह – तरह की वाइन का स्टॉक होता था।आनन -फानन में एक निर्यातक को फ़ोन लगाया गया।
अब भला जब डिप्टी कमिशनर का आग्रह हो तो वहा वाइन की एक बोतल की जगह पूरी चार पेटिया आ गयी।
दुमछल्ला।
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सरड़ा ब्रांड शराब पीनी है। बात बहुत पुरानी है। उन दिनों सरड़ा गांव हरियाणा के जींद जिले में था और वहा की घर में निकाली गयी शराब बहुत महशूर थी। एक बार एक विदेशी आये और उन्होंने उस शराब का स्वाद चखा तो उसके दीवाने हो गए। अपने देश पहुंचे तो उसी शराब की तलब लगी तो इंडिया में अपने देश के राजदूत दोस्त से वही शराब यानि सरड़ा ब्रांड शराब उपलब्ध करवाने की मांग की। अब राजदूत ने दिल्ली की सभी शराब की दुकानो को छान मारा लेकिन सरडा ब्रांड शराब नहीं मिली। राजदूत की कोठी पर हरियाणा का एक बंदा मुलाजिम था। राजदूत ने उससे पूछा तो उसने हल निकाला और सरडा ब्रांड शराब उपलब्ध करवाई।