समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31दिसंबर। दिल्ली का वायु प्रदूषण हर साल दीपावली के बाद और ठंड में लोगों का जीना मुहाल कर देता है. दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) की उप समिति द्वारा चरण 3 के तहत गैर जरूरी निर्माण कार्य और विध्वंस कारयों को रोक दिया गया है. इस बाबत अधिकारियों को निर्देश भी दिए जा चुके हैं. उप-समिति ने बीते कल एक समीक्षा बैठक में कहा कि वर्तमान हालातों के कारण AQI के गंभीर श्रेणी में जाने की संभावना है. बता दें कि दिल्ली का 24 घंटे का एवरेज AQI शुक्रवार को 399 था. बता दें कि 301 से 400 के बीच की वायु गुणवत्ता बेहद खराब की श्रेणी में आता है.
इस वायु गुणवत्ता शनिवार को भी एक समान रहने की संभावना है. ऐसे में लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे वर्क फ्रॉम होम या कारपूल के तर्ज पर काम करें. वहीं दिल्ली सरकार द्वारा आज फाइनल किया जाएगा कि बीएस III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल चौपहिया वाहनों पर दिल्ली में प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं. हालांकि दिल्ली में फिलहाल गैर प्रदूषणकारी गतिविधियों को करने की अनुमति है.
इससे पहले, केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने बुधार को कहा था कि 1 जनवरी से दिल्ली-एनसीआर में कोयले सहित गैर अनुमोदित ईंधन का प्रयोग करने वाले उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा. वरना उनपर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. हालांकि विद्युत संयंत्रों में कम सल्फर वाले कोयले के इस्तेमाल को अनुमति दी गई है.
बता दें कि अक्टूबर नवंबर में दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक प्रदूषण के स्तर के पीछे प्रमुख कारण पराली जलाना था. लेकिन इस साल पंजाब में 30 फीसदी और हरियाणा में पराली जलाने में 48 फीसदी की कमी आई है. एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक यमुना में प्रदूषण की मात्रा पिछले 5 वर्षों में काफी बढ़ चुकी है. दिल्ली सरकार का लक्ष्य है क 2025 तक यमुना को नहाने की पानी जितना साफ करना है.