राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास नहीं हैं 1962, 1965 और 1971 की जंग के सबूत, जानिए क्या है कारण

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26दिसंबर। राष्ट्रीय अभिलेखागार देश के तमाम ऐतिहासिक पहलुओं के रिकॉर्ड रखता है. देश की ज्यादातर छोटी-बड़ी घटनाओं से जुड़े दस्तावेज आपको NAI के पास मिल जाएंगे. हैरान करने वाली बात है कि आजाद भारत ने तीन युद्ध लड़े हैं और तीनों के ही रिकॉर्ड राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास नहीं हैं. भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक चंदन सिन्हा ने खुद बताया है कि उनके पास साल 1962, 1965 और 1971 में लड़ी जंग का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है. आपको बता दें कि भारत ने दो युद्ध पाकिस्तान के खिलाफ और एक युद्ध चीन के खिलाफ लड़ा था.

महानिदेशक चंदन सिन्हा ने कहा है, “राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास इन तीनों युद्धों के साथ-साथ हरित क्रांति के रिकॉर्ड मौजूद नहीं हैं. इसकी वजह है कि तमाम केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों ने अपने रिकॉर्ड अभिलेखागार को कभी दिए ही नहीं.” उन्होंने बताया कि ANI केवल भारत सरकार और उसके संगठनों के रिकॉर्ड रखता है और उनको संरक्षित रखता है.

उन्होंने आगे कहा, “सरकार में रिकॉर्ड मैनेज करना सुशासन का एक जरूरी पहलू है. कई मंत्रालय और विभाग ऐसे हैं जिन्होंने आजादी के बाद से कभी भी ANI के साथ अपने रिकॉर्ड ही शेयर नहीं किए हैं.” उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में कुल 151 मंत्रालय और विभाग हैं. इसमें से एनएआई के पास सिर्फ़ 64 एजेंसियों का रिकॉर्ड है जिसमें 36 मंत्रालय और विभाग शामिल है.

चंदन सिन्हा ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग की ओर से आयोजित एक वर्कशॉप के दौरान कहा, “इसका नतीजा यह है कि हमारे पास हरित क्रांति या 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में महान विजय का कोई रिकॉर्ड ही नहीं है. यह बताते हुए दुख हो रहा है कि हमारे पास कुछ भी नहीं है. यह बड़ा सवाल है कि क्या हम आजादी के बाद से अपने इतिहास के एक हिस्से का बड़ा नुकसान कर रहे हैं?”

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