समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23दिसंबर। लोगों के बीच जाति की इस सीमा को तोड़ने और अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा यह योजना चलाई जाती है। इस योजना के तहत अंतर्जातीय विवाह करने वाले नवविवाहित जोड़े को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है।
जानिए क्या है स्कीम
इस योजना को डॉ अंबेडकर फाउंडेशन के नाम से जाना जाता है। इस योजना के तहत यदि कोई युवक या युवती जो दलित समुदाय से संबंधित नहीं है, लेकिन दलित के साथ अंतर्जातीय विवाह करता है, तो उसे केंद्र सरकार की ओर से ढाई लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। ये आर्थिक मदद ‘डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज’ स्कीम के तहत दी जाती है. इस योजना की शुरुआत कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2013 में की थी, लेकिन अभी तक सरकार द्वारा इसे चलाया जा रहा है।
यहाँ शर्तें हैं
विवाहित जोड़े में से एक दलित समुदाय से होना चाहिए और दूसरा दलित समुदाय से बाहर का होना चाहिए।
योजना का लाभ तभी प्राप्त किया जा सकता है जब जोड़े ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत अपनी शादी का पंजीकरण कराया हो।
इस योजना का लाभ पहली बार शादी करने के बाद ही उठाया जा सकता है। दूसरी शादी करने पर इस योजना का लाभ नहीं मिलता है।
आवेदन भरकर शादी के एक साल के अंदर Dr. Ambedkar Foundation को भेजना होगा।
यदि नवविवाहित जोड़े को अंतरजातीय विवाह के बाद केंद्र सरकार या राज्य सरकार से किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता पहले ही प्राप्त हो चुकी है तो इस ढाई लाख रुपये की राशि में से वह राशि काट ली जायेगी.
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आवेदन कैसे करें
अगर आप भी केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ लेने के पात्र हैं तो इसका लाभ लेने के लिए आपको अपने क्षेत्र के सांसद या विधायक की संस्तुति के साथ आवेदन पत्र भरकर डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन ( Dr. Ambedkar Foundation ) को भेजना होगा। . आप इस आवेदन को जिला प्रशासन या राज्य सरकार को भी भेज सकते हैं। इसके बाद जिला प्रशासन या राज्य सरकार की ओर से इसे डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन को भेजा जाता है। अधिक जानकारी के लिए आप http://ambedkarfoundation.nic.in/ पर जा सकते हैं। आपको इस योजना से संबंधित जानकारी वेबसाइट के योजना अनुभाग में मिल जाएगी। आवेदन करने का फॉर्म भी यहीं से मिल जाएगा।
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत विवाह का पंजीकरण कराने के बाद जारी किया गया विवाह प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
आवेदन के साथ दलित समुदाय के दंपत्ति का जाति प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है।
ऐसा दस्तावेज भी संलग्न करना होगा, जिससे यह पता चल सके कि यह कपल की पहली शादी है।
आवेदन के साथ कानूनी तौर पर शादीशुदा होने का शपथ पत्र जरूरी है।
आय प्रमाण पत्र और संयुक्त बैंक खाते का विवरण देना आवश्यक है।
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कैसे मिलेगा 5 लाख रुपये का लाभ
आपको बता दें कि अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए यह योजना केंद्र सरकार ही नहीं बल्कि राज्य सरकारें भी चला रही हैं। हरियाणा सरकार की ओर से हरियाणा अंतर्जातीय विवाह योजना के तहत एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस योजना के तहत अंतर्जातीय विवाह करने वाले जोड़े को 50000 रुपये और डॉ भीमराव अम्बेडकर कोष के तहत 2.5 लाख रुपये की राशि दी जाती है। वहीं इस योजना के तहत राजस्थान सरकार द्वारा 5 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें से 3 लाख 75 हजार रुपये राज्य सरकार द्वारा और 1 लाख 25 हजार रुपये केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।