गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: “एक नही, घर- घर राजसिंह गहलौत पनप रहे गुरुग्राम में”
पवन कुमार बंसल।
मनोहर लाल सरकार, सिकंदरपुर बंध गुरुग्राम की जमीन के कब्जाधारियों के द्वार – एक नही घर – घर राजसिंह गहलौत पनप रहे गुरुग्राम में।
सरकार और अफसरों का आशीर्वाद- नतीजा गुरुग्राम भुगते फ्लड की मार। ‘गुस्ताखी माफ़ हरियाणा ” की खोज खबर।
मनोहर लाल का दोहरा व्यक्तित्व।
छह साल पहले मनोहर लाल ने एम जी रोड गुरुग्राम स्थित सिकंदरपुर घोषी में बरसाती नाँले की सरकारी जमींन पर कब्ज़ा करने वालो को अभय दान दे दिया था। गुरुग्राम नगर निगम के अफसरों ने फरियाद कि की जनाब मनोहर लाल जी कब्जे नहीं हटाए तो अरावली के बरसाती पानी का निकास रुक जाएगा और गुरुग्राम की स्थिति बारिश में बेकाबू हो जाएगी। लेकिन कब्जाधारियों में प्यार में ‘अंधे’ मनोहर लाल ने उन्हें अभयदान देते हुए ऐतेहासिक एलान किया
“मनोहर लाल ने फ़रमाया की चूकि ये कब्जे बहुत पुराने है और यहाँ तक की बीस साल पुराने हो चुके है और वहा बिल्डिंग्स बन गयी है। इसलिए उन्हें उजाड़ना सही नहीं होगा। हां आगे ऐसा नहीं हो इसे रोकने के लिए राज्य स्तर पर समिति बनाई जाएगी। ”
मनोहर लाल की गुड गवर्नेंस को सो तोपों का सलाम।
भूपिंदर हूडा ने भूमि अधिग्रहण का मिसयूज करके किसानो की पुश्तैनी जमींन बिल्डरो के हवाले करवाई और इसके लिए वे और उनके आधा दर्जन चहेते आईए एस अफसर अदालतों के रहम पर है। हूडा की सरकार में चेंज ऑफ़ लैंड , भूमि अधिग्रहण एक्ट का मिसयूज करने और गुरुग्राम की मास्टर प्लान बार -बार बदलने के नाम पर अरबो – खरबो का घोटाला हुआ। किसान बर्बाद हो गया और नेता , बिल्डर , टाउन एंड कंट्री विभाग और हूडा महकमे जो अब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण हो गया है के अफसर रातो रात कुबेर के खजाने के मालिक हो गए। कांग्रेस के कई नेताओं के दामाद ,बेटे ,बेटिया ,साले और सालिया भी रातो – रात करोड़पति बन गए।
मनोहर का नाम गिनिस बुक ऑफ़ वर्ड रिकॉर्ड में आना चाहिए।
लेकिन जितनी बेशर्मी से मनोहर लाल ने कब्जाधारियों को अभय दान दिया उनका नाम गिनिस बुक ऑफ़ वर्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड में आना चाहिए। राज्य के सभी विशवविधालय उन्हें गुड गवर्नेंस के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि दे। युग – युग जियो मनोहर लाल तने कर दी मौज सरकारी जमींन पर कब्ज़ा करने वालो की। उनकी सात पीडिया भी आपके याद करेगी।
‘गुस्ताखी माफ़ हरियाणा ‘ ने सरकारी रिकॉर्ड खंगाला तो कान अल्सेशियन कुत्ते की तरह खड़े हो गए और अब भी खड़े है।
चलो छह साल पहले। गुरुग्राम कष्ट निवारण समिति की बैठक। उसमे पत्रकारों का प्रवेश वर्जित।
बैठक में तत्कालीन वन मंत्री नरबीर सिंह , तत्कालीन भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल और अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिमेवार तत्कालीन गुरुग्राम निगम के आयुक्त और गुरग्राम के डिप्टी कमिश्नर जनाब टी एल सत्यप्रकाश मौजूद थे। मौजूद था सामाजिक कार्यकर्ता और जान जोखिम में डालकर कब्ज़ा माफिया के खिलाफ आवाज उठाने वाला रविंद्र यादव भी। रविंद्र यादव की शिकायत का निपटारा उस दिन ‘ आधुनिक महराजा ‘मनोहर लाल के दरबार में होना था।
रविंद्र हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाया कि जनाब मनोहर लाल जी, एक आठ मंजिल बिल्डिंग तो एक साल से बनी है। वे निगम के अफसरों को लगातार शिकायत कर रहे है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। लेकिन जब मनोहर लाल फैसला पहले लिख कर लाए थे सो कोई क्या कर सकता था ? वो तो। ” महारानी “है। “महारानी” की मर्जी है चाहे कितने कपडे पहने। कोई उसे नंगा नहीं कह सकता।देशद्रोह का केस बन जाएगा।
सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन के पास सिकंदरपुर बंद से अरावली की पहाड़ियों का बरसाती पानी नजफगढ़ ड्रेन में जाता है। किसान के बेटे भूपिंदर हूडा के शाशन में बिल्डर माफिया को लाभ देने के लिए इस जगह सड़के बना दी गयी। लोगो ने कब्जे कर बहुमंजिला कमर्शियल इमारते और माल बना लिए। मनोहर के मनोहर फैसले से रविंद्र यादव सदमे में आ गए थे। सूचना के अधिकार के तहत रविंद्र यादव को जानकारी मिली की बरसाती नाले की जमीन पर लोगो ने कब्जे कर बिल्डिंग बना ली है.
कब्जो से गुरुग्राम कई बार जाम का सामना कर चुका है।
तीन दिन तक नेशनल हाईवे जाम रहा था और पुरे देश में मनोहर की किरकिरी हुई थी। पी एम ऑफिस से भी जवाब मांगा गया था और .जाम से निपटने के लिए सुझाव देने के लिए मनोहर लाल ने रिटायर्ड डी जी पी श्रीनिवास वशिष्ठ को गुरग्राम में विशेष अधिकारी लगाया था लेकिन जो सुझाव उन्होंने दिए वो मनोहर लाल को पसंद नहीं आये और उन्हें अलविदा कर दिया गया। गुरुग्राम सिटीजन कौंसिल के अध्यक्ष स्वर्गीय आर एस राठी भी इस मामले को उठाते रहते थे।
आज तक समिति नहीं बनी और पूरे प्रदेश में मनोहर के” तुगलकी ” आदेश का फायदा उठा सरकारी जमीनों पर कब्जे हो रहे है।
क्या विपक्ष के नेता भूपिंदर हूडा, किरण चौधरी और अभय चौटाला हरियाणा असेंबली में यह मामला उठाएंगे ?
हूडा से तो कोई उम्मीद नहीं क्योंकि वो तो खुद इस हमाम में नंगे है। किरण और अभय की अग्नि परीक्षा है।
अपनी सुरक्षा राम हवाले। और अपन के पाठकों के हवाले। जब तक उनका प्यार मिलता रहेगा ये कलम चलती रहेगी।