गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: डेली पैसेन्जर्स को सलाम

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गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: डेली पैसेन्जर्स को सलाम
पवन कुमार बंसल।

‘गुस्ताखी माफ़ हरियाणा ” के पाठक और रोहतक के अधिवक्ता प्रदीप मालिक ने जज के मानवीय चेहरे बारे एक पोस्ट लिखी की किस तरह रोहतक रेलवे स्टेशन पर हुई आगजनी के आरोप में चौदह डेली पैसेंजर्स के खिलाफ धारा ४३६ में मुकदमा दर्ज हो गया और जज डी डी यादव ने सबको दोषी करार कर दिया जिसमे दस साल तक कैद का प्रावधान है। उन द्वारा तर्क देने पर जज साहिब ने सबको पांच सो रुपया जुर्माना देकर छोड़ दिया और अपना मानवीय चेहरा दिखाया।

डेली पेसेंजर्स को सलाम
इनकी कोई निजी जिंदगी नहीं होती। प्रदीप ने अदालत में सही तर्क दिया। सुबह जब बच्चे सो रहे होते है तो ये यात्रा पर निकल जाते है। प्रतिदिन रोहतक , सोनीपत , फरीदाबाद और दूर दराज के शहरो से करीब पचास हज़ार डेली पेसेंजर दिल्ली और अन्य स्थानों के लिए निकल जाते है। देर रात जब घर वापिस आते है तब भी बच्चे सो गए होते है।

मैने कई बार उनके साथ यात्रा की है। भजन गाते हुए और ताश खेलते हुए जाते है। छह की सीट पर बारह – बारह लोग बैठते है। कोई जाति , धर्म और मजहब का सवाल नहीं सभी एक परिवार की तरफ जाते है।

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