समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10दिंसबर। भारत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार के 21 द्वीपों का नाम परमवीर चक्र पुरस्कार से सम्मानित वीर सैनिकों के नाम पर रखा है। इन 21 द्वीपों में से 16 उत्तर और मध्य अंडमान जिले में स्थित हैं, जबकि पांच द्वीप दक्षिण अंडमान में हैं। अभी इन द्वीपों पर लोग आबाद नहीं है। इनमें से कुछ आरक्षित वन के अंतर्गत आते हैं।
अंडमान के पहले गैर-आबाद द्वीप (संख्या- INAN370) का नाम मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम पर रखा गया है। अब इसे ‘सोमनाथ द्वीप’ के नाम से जाना जाएगा। मेजर सोमनाथ परमवीर चक्र से सम्मानित होने वाले पहले सैनिक थे। 3 नवंबर, 1947 को श्रीनगर हवाई अड्डे के पास पाकिस्तानी घुसपैठियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। बडगाम की लड़ाई के दौरान उनकी वीरता और बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
अंडमान प्रशासन और रक्षा मंत्रालय ने सूबेदार एवं मानद कैप्टन करम सिंह के नाम पर गैर-आबाद द्वीप INAN308 का नाम ‘करम सिंह द्वीप’ रखा है। सूबेदार करम सिंह ने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने साहस का परिचय देते हुए जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांव टीठवाल में एक अग्रिम पोस्ट को बचाया था, जिसके लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
इसी तरह परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर राम राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत, कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धनसिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह भाटी, हवलदार वीर अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, कर्नल होशियार सिंह दहिया, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, कैप्टन बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन मनोज कुमार पांडे और सूबेदार मेजर संजय कुमार के नाम पर अन्य द्वीपों का नाम रखा गया है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सांसद कुलदीप राय शर्मा ने इन द्वीपों का नाम वीर सैनिकों के नाम पर करने के बाद केंद्र के इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि केंद्र सरकार ने हमारे वीर सैनिकों के सम्मान में अंडमान और निकोबार के 21 द्वीपों का नामकरण उनके नाम पर करने का निर्णय लिया।
शर्मा ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस संबंध में स्कूली बच्चों के लिए छोटी पुस्तिका प्रकाशित की जाए ताकि बच्चे देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को जान सकें। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के चलते अंडमान और निकोबार द्वीप एक तीर्थ स्थान की तरह है और अब परमवीर चक्र विजेताओं के लिए इस तरह का सम्मान हम सब के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार के 21 द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र नायकों के नाम से करना उन सैनिकों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
वहीं, केंद्र सरकार के इस फैसले पर करगिल युद्ध में शामिल रहे कर्नल दीप्तांगशु चौधरी ने कहा कि यह पहल भारतीय सैनिकों के बलिदान का एक प्रमाण है. इससे आज के युवा सैनिकों की वीरता से अवगत होंगे। जब देश की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो यह कदम और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महान सेनानियों को अंडमान की सेल्युलर जेलों की एकांत कोठरी में रखा जाता था। 1857 के विद्रोह, वहाबी आंदोलन और बर्मी विद्रोह जैसे विभिन्न ब्रिटिश विरोधी आंदोलनों में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को अंडमान भेज दिया गया था जहां उन्हें वहां की तंग सेलुलर जेलों में रखा जाता था और बर्बर यातनाएं दी जाती थीं।