प्रेंम संबध तोडना….बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता……सुप्रीम कोर्ट ने महिला की दलील को ठुकरा कर आरोपी को किया बरी…..

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4दिंसबर। आज के दौर में हमारे समाज में शादी से प्रेम संबंध और इसके नाम पर शारीरिक संबंध बनाना आम बात हो गया है। इतना ही नही प्रेम संबंध टुटने पर महिला द्वारा पुरूष पर बलात्कार जैसे आरोप भी लगाए जाते है। ऐसे ही एक मामलें में सुप्रीम कोर्ट ने महिला के आरोप को एक तरफ कर आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी है।
जानकारी के मुताबिक महिला के वकील ने उसके कथित प्रेमी पर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रेम संबध में अगर पुरुष साथी प्रेम संबंध खत्म करने का विकल्प चुनता है तो रिश्ते में जोड़े के बीच बना शारीरिक संबंध बलात्कार की श्रेणी में नहीं आएगा।

इस पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने एफआईआर में गवाह द्वारा किए गए दावों पर गौर किया। बेंच ने कहा, ‘विचार करने पर हम अपीलकर्ता को अग्रिम जमानत की राहत इस निर्देश के साथ देने के इच्छुक हैं कि अपीलकर्ता को गिरफ्तार किए जाने की स्थिति में निचली अदालत द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों पर जमानत पर रिहा किया जाएगा।’
बेंच ने कहा, ‘इसके अलावा, अपीलकर्ता दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 438 (2) के आदेश का पालन करेगा।’

शीर्ष अदालत ने यह भी साफ किया कि अपीलकर्ता को अग्रिम जमानत देने को मामले के गुण-दोष पर राय की अभिव्यक्ति के रूप में नहीं माना जाएगा। पीठ ने कहा कि जयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित मामले का फैसला इस आदेश से प्रभावित हुए बिना गुण-दोष के आधार पर और कानून के अनुसार किया जाएगा।

शीर्ष अदालत जयपुर में तकनीशियन ग्रेड एक के पद पर कार्यरत मुकेश कुमार सिंह द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी. उसने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी थी.

अपील के अनुसार, मुकेश सिंह महिला से पहली बार करीब 10 साल पहले मिला था, जब वे काम के सिलसिले में एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। अपील में कहा गया है कि समय के साथ, सिंह और शिकायतकर्ता मैसेज और कॉल के माध्यम से संपर्क में रहे और नियमित रूप से मिलते भी थे।
अगस्त, 2021 को सिंह की शादी उसके माता-पिता ने तय की थी। जब शिकायतकर्ता महिला को इस बारे में पता चला तो उसने कथित तौर पर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया, उससे शादी करने के लिए कहा और धमकी दी कि वह उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करवाएगी।

शिकायतकर्ता ने बाद में जयपुर में अक्टूबर में मुकेश सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया। अपील में कहा गया, ‘प्राथमिकी में स्वीकार किया गया कि उनके बीच प्रेम संबंध थे और केवल याचिकाकर्ता को परेशान करने की नीयत से यह दर्ज करवाया गया, क्योंकि उसने शिकायतकर्ता के साथ शादी नहीं की।’

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.