फिल्म उद्योग को क्रिएटिव माइंड्स कहा जाता है, लेकिन हमें इसे एक रचनात्मक अर्थव्यवस्था के रूप में भी देखना चाहिए- अनुराग सिंह ठाकुर
केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज '75 क्रिएटिव माइंड्स टुमॉरो' के लिए '53-ऑवर चैलेंज' की शुरुआत की
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22नवंबर। “क्रिएटिव माइंड्स फॉर टुमॉरो प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप है कि युवाओं को सीखने और बढ़ने का अवसर दिया जाना चाहिए”, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ’75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो’ पहल के विजेताओं के लिए ’53-घंटे की चुनौती’ की शुरुआत के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा, शॉर्ट्स टीवी द्वारा 53 घंटे की चुनौती, ‘क्रिएटिव माइंड्स’ के लिए कम समय में अपनी रचनात्मकता दिखाने का एक अवसर है।
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को ’53-ऑवर चैलेंज’ का उद्घाटन किया, जिसका आयोजन 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के साथ-साथ किया जा रहा है। यह प्रतियोगिता 75 ‘क्रिएटिव माइंड्स’ को 53 घंटों में उनके आइडिया ऑफ इंडिया@100 पर एक लघु फिल्म बनाने की चुनौती देगी। इफ्फी 53 का यह खंड शॉर्ट्स टीवी के सहयोग से राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनडीएफसी) द्वारा समर्थित है। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन, सचिव, सूचना और प्रसारण मंत्रालय अपूर्व चंद्रा उन गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
Union Minister @ianuragthakur attends the opening ceremony of ‘75 Creative Minds of Tomorrow’ section at Hotel Marriott, Goa
🎬53-Hour film-making challenge of 75 creative minds of tomorrow launched pic.twitter.com/i1EzTxNQ68
— PIB India (@PIB_India) November 21, 2022
1000 से अधिक आवेदकों में से चयनित ‘75 क्रिएटिव माइंड्स’ को बधाई देते हुए, केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “आप अपने जीवन में नई यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सिने-दिग्गजों का हमारा ‘मास्टरक्लासेस’ कार्यक्रम आपको नयी उड़ान देंगे।” उन्होंने आगे कहा कि यह, 75 युवाओं के लिए नेटवर्क बनाने, अपनी प्रतिभा को निखारने, सर्वश्रेष्ठ से सीखने और अपने करियर में आगे बढ़ने का एक मंच है।
‘भविष्य के 75 क्रिएटिव माइंड्स’ पहल की यात्रा के बारे में बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के नेतृत्व में यह यात्रा पिछले वर्ष शुरू हुई थी, ताकि हमारे युवाओं को इसमें शामिल किया जा सके, प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में एक मंच प्रदान करके उनकी क्षमता का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह भविष्य के 75 क्रिएटिव माइंड्स का दूसरा संस्करण है और हमने पहले ही सिनेमा, रचनात्मकता और संस्कृति के प्रति अपने साझे प्रेम के माध्यम से 150 सशक्त व्यक्तियों का एक समुदाय तैयार कर लिया है।
मंत्री ने फिल्मों और ओवर द टॉप (ओटीटी) शो में पिछले वर्ष के ‘भविष्य के 75 क्रिएटिव माइंड्स’ के विजेताओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ये युवा और प्रतिभाशाली व्यक्ति भारतीय सिनेमा और फिल्म उद्योग के भविष्य में विशेष रूप से अमृत काल के अगले 25 वर्षों के दौरान महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
मंत्री ने कहा कि फिल्म उद्योग को क्रिएटिव माइंड्स कहा जाता है, लेकिन हमें इसे एक रचनात्मक अर्थव्यवस्था के रूप में भी देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सॉफ्ट पावर का एक रूप है और राष्ट्रों को अक्सर इसके लिए जाना जाता है। भारत के लिए, भारतीय सिनेमा को भारतीय सॉफ्ट पावर का एक रूप बनाने में इस बदलाव को लाने का भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव एक मंच भी रहा है। वरना इतने सारे अंतरराष्ट्रीय चेहरों को भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में शामिल करना इतना सरल नहीं है।
मंत्री ने हजारों आवेदनों में से सर्वश्रेष्ठ का चयन करने में निर्णायक मंडल के प्रयासों की भी सराहना की।