समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,4 नवंबर। रेल यात्रियों का समय बचाने के लिए भारतीय रेलवे ने देशभर में ट्रेन नेटवर्क में बदलाव का पूरा खाचा तैयार कर लिया है। रेल मंत्रालय के मुताबिक यह बदलाव चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक रहा तो आने वाले समय में राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी ट्रेनों की जगह 180 से 260 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से सेमी हाई स्पीड ट्रेने चलेंगी।
रेल मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक आने वाले कुछ वर्षों में रेलवे में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। वंदे भारत ट्रेनों की तरह ट्रेन सेट देश के अलग-अलग महानगरों को जोड़ेंगे। ट्रेनसेट कही जाने वाली नए जमाने की ट्रेन में इंजन नहीं होता है, बल्कि वंदे भारत ट्रेन की तरह सब कुछ कोच के अगले हिस्से में होता है। रेलवे का इरादा अगले 25 साल में चरणबद्ध तरीके से सभी रूटों पर यह ट्रेन सेट चलाने का है। जैसे-जैसे नई ट्रेन तैयार होती जाएंगी, पुरानी ट्रेनों को हटाया जाता रहेगा। रेल मंत्रालय के दावे को मानें तो साल 2047 तक पूरे देश में आधुनिक सेमी हाई स्पीड ) की रफ्तार से यानी 200 से 250 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी।
रेल मंत्रालय के मुताबिक 200 से ज्यादा स्पीड पर ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे ट्रैक और सिग्नलिंग में पूरी तरह से बदलाव किया जाना है, जिस पर रेल मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है। रोलिंग स्टॉक को भी पूरी तरह से बदला जाना है। यही नहीं रेल सफर को तेज, आरामदेह और सुरक्षित बनाने के लिए रेल मार्गों की फेंसिंग भी की जाएगी, जिस पर रेलवे काम कर रहा है।
देश में दो वंदे भारत ट्रेन हैं, जो सेमी हाई स्पीड की रफ्तार से चल रही हैं और तीसरी वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल शुरू हो गया है। अगले साल 15 अगस्त तक 75 वंदे भारत ट्रेन में देशभर में दौड़ने लगेगी। इसके बाद रेलवे का अगला टारगेट 400 वंदे भारत ट्रेन चलाने का है, जो देश के विभिन्न महानगरों को आपस में जोडेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से रेल मंत्रालय को 400 ट्रेनें चलाने का टारगेट पहले ही दिया जा चुका है।
रेलवे सबसे पहले दिल्ली, मुंबई दिल्ली और कोलकाता के रूट पर सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाएगा। इन रूट पर ट्रैक बदलने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। इसके लिए 18000 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है। देशभर में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में पूरी तरह से बदलाव लाने के लिए भारी बजट की जरूरत होगी, जिसके लिए रेलवे इंतजाम कर रहा है।
सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए रेलवे के पुराने हो चुके इलेक्ट्रिफिकेशन में भी बदलाव की जरूरत है, क्योंकि वंदे भारत जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेन ज्यादा बिजली खींचती हैं। रेल मंत्रालय के मुताबिक पुरानी लाइनों में बार-बार लाइन ट्रिपिंग की समस्या आती है, लिहाजा इसमें भी बदलाव किया जा रहा है। रेल मंत्रालय के मुताबिक पहले चरण में दिल्ली-मुगलसराय के 1650 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर उच्च क्षमता की विद्युत लाइनों को लगाया जा रहा है और इसके बाद अगले चरण में देश के अलग-अलग हिस्सों में उच्च क्षमता वाली लाइनों को लगाया जाएगा।