समग्र समाचार सेवा
मैसूर, 26 सितंबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को धार्मिक और पारंपरिक उत्साह के साथ महल शहर, मैसूर में प्रसिद्ध 10 दिवसीय दशहरा समारोह का उद्घाटन किया।
COVID-19 महामारी के कारण दो साल तक बन्द रहने के बाद शुरू हुआ समारोह, “नाडा हब्बा” (राज्य उत्सव) उत्सव इस साल एक भव्य आयोजन होगा, जिसमें कर्नाटक की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को दर्शाया जाएगा, जो शाही धूमधाम और गौरव की याद दिलाएगा।
राष्ट्रपति ने वेदिक भजनों के बीच यहां चामुंडी पहाड़ियों के ऊपर, मैसूर राजघरानों की पीठासीन देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति पर फूलों की वर्षा करके शुभ “वृश्चिका लग्न” के दौरान उत्सव की शुरुआत की।
राष्ट्रपति मुर्मू मैसूर दशहरा उत्सव में भाग लेने वाले पहले राष्ट्रपति हैं। उद्घाटन में, उनके साथ कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और शोभा करंदलाजे और राज्य मंत्रिमंडल के कई सदस्य शामिल थे।
उद्घाटन से पहले, राष्ट्रपति ने चामुंडेश्वरी मंदिर का दौरा किया और देवी की पूजा की, जिन्हें “नाडा देवता” (राज्य देवता) के रूप में जाना जाता है।
यह भारत के राष्ट्रपति के रूप में किसी भी राज्य की उनकी पहली यात्रा भी है।
बता दें कि कोरोना के कारण नवरात्री का 10-दिवसीय कार्यक्रम पिछले दो वर्षों से बन्द किया गया था। यह कार्यक्रम कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो लोक कला रूपों में समृद्ध है यहां बड़ी मात्रा में लोगों की भीड़ उमड़ती है और पर्यटकों को आकर्षित करती है।