‘शिक्षा इस मायने में एक निवेश है कि शिक्षित व्यक्ति समाज की बेहतर सेवा करेगा’- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति ने 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय- जीवन दर्शन और समसामयिकता' पुस्तक का विमोचन किया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26सितंबर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को नई दिल्ली में ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय – जीवन दर्शन और समसामयिकता’ (पांच खंड) पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने आज के समय में पंडित दीनदयाल के विचारों का महत्व समझाया।
पंडित दीनदयाल की बात दोहराते हुए धनखड़ ने कहा, ‘शिक्षा इस मायने में एक निवेश है कि शिक्षित व्यक्ति समाज की बेहतर सेवा करेगा।’ उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि यह विचार नई शिक्षा नीति- 2020 का आधार बना। उन्होंने कहा, ‘अगर भारत को अपने अतीत के गौरव को फिर से प्राप्त करना है तो उसे जीडीपी और अर्थशास्त्र से आगे जाना होगा और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के सुझाए हर तरह से मानव विकास के समग्र दृष्टिकोण को अपनाना होगा।’
उपराष्ट्रपति ने आधुनिक भारत के अग्रणी नेताओं में से एक पर अच्छी तरह से शोध के साथ पांच खंडों में तैयार इस पुस्तक के लिए मुख्य संपादक डॉ. बजरंग लाल गुप्ता और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन और कार्यों पर श्री राजनाथ सिंह और डॉ. मुरली मनोहर जोशी के संबोधन के लिए उनका धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी, पुस्तक के मुख्य संपादक डॉ. बजरंग लाल गुप्ता, श्री प्रशांत जैन प्रकाशक (किताबवाले), डॉ. अमित राय जैन, सह-संपादक, डॉ. नंद किशोर गर्ग, संस्थापक-निदेशक, महाराजा अग्रसेन प्रौद्योगिकी संस्थान और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।