नवरात्रि 2022: नवरात्रि शुरू होने से पहले घर से बाहर निकालें ये 5 चीजें, नहीं तो भुगतान पड़ सकता है अशुभ परिणाम
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली , 25 सितंबर। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है. कहते हैं कि 9 दिनों तक मां दुर्गा (Navratri 2022 Date) के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया (Shardiya Navratri 2022) जाता है. यदि मां अपने भक्त से प्रसन्न हो जाएं तो जीवन में किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता. इस साल नवरात्रि 26 अक्टूबर से शुरू होंगे 5 अक्टूबर तक चलेंगे. (Navratri 2022 kab hai) इस दौरान अगर आप मां दुर्गा की कृपा पाना चाहते हैं तो घर से कुछ चीजों को बिना देर किए बाहर निकाल दें. क्योंकि नवरात्रि में इन चीजों का आपके घर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
फटे पुराने जूते
नवरात्रि के दौरान घर की साफ-सफाई की जाती है क्योंकि इस दौरान 9 दिनों के मां दुर्गा घरती पर आती हें. ऐसे में घर में मौजूद खराब व फटे-पुराने जूते-चप्पलों को बिना देर किए बाहर निकाल दें. क्योंकि इनकी वजह से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है. कोशिश करें कि रसोई घर में मौजूद टूटे-फूटे बर्तन भी बाहर कर दें.
लहसुन-प्याज व शराब
नवरात्रि में 9 दिनों मां दुर्गा का पूजन किया जाता है और सुबह-शाम उन्हें भोग लगाया जाता है. ऐसे में घर में सात्विक भोजन का ही उपयोग करना चाहिए. अगर आपके घर में लहसुन-प्याज हैं तो उन्हें नवरात्रि से पहले बाहर कर दें क्योंकि यह तामसिक भोजन की श्रेणी में आते हैं. साथ ही मांस-मदिरा आदि भी घर में नहीं होने चाहिए.
बंद घड़ी
वास्तु के अनुसार घर में कभी बंद घड़ी नहीं रखनी चाहिए. खासतौर पर पूजा-पाठ व मंगल कार्यों में बंद घड़ी का होना अशुभ माना जाता है. इसलिए बिना देर किए गए बंद घड़ी में या तो सेल डलवा लें या फिर इसे हटा दें. क्योंकि इसकी वजह से आपकी तरक्की में रूकावट आ सकती है.
बेकार खाना
नवरात्रि के पहले दिन घर व मंदिर की सफाई कर स्वच्छ भोजन बनाया जाता है. यदि आपके घर में रात का बचा हुआ खाना या खराब अचार पड़ा है तो उसे भी तुरंत बाहर कर दें. खराब खाने की दुर्गंध से मां दुर्गा नाराज होती हैं और आपको उनकी नाराजगी झेलनी पड़ सकती है.
खंडित मूर्तियां
अगर आपके घर के मंदिर में खंडित या टूटी हुई मूर्तियां रखी हैं तो नवरात्रि से पहले ही उन्हें बाहर कर दें. क्योंकि खंडित मूर्तियां दुर्भाग्य का कारण बनती है. इसलिए इन्हें किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर देना चाहिए.