पवन कुमार बंसल।
गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: क्या मोदी और हूडा मिले हुए है -या वे जाने या राम जाने
कभी भजनलाल की गोदी में खेलकर और फिर पूर्व चीफ मिनिस्टर भूपिंदर सिंह हूडा की गोदी में बैठने वाले पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हूडा, इन दिनों भूपिंदर हूडा के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाये हुए है।
अब उन्होंने ताजा आरोप लगाया है कि जमीनों के कई मामलो में सीबीआई की जाँच का सामना कर रहे भूपिंदर हूडा, प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी से मिले हुए है। कृष्णमुर्ति हूडा कहते है कि जब हूडा के घर सीबीआई की रेड पड़ी थी तब वे वही मौजूद थे और सीबीआई के एस पी कार्रवाई करने की बजाये आधा घंटा तो हूडा के साथ चाय पीते रहे। अब गुस्ताखी माफ़ क्या जाने ? हां पिछले आठ वर्ष के घटनाक्रम को पाठको के सामने रख इसका निर्णय उनके हाथो छोड़ रहे है। अपने लिए तो अपना पाठक माई बाप।
जब हूडा मानेसर में जमींन अधिग्रहण घोटाले में सी बी आई की जाँच का सामना कर रहे थे, तब उनके भतीजे मोनू की शादी समारोह में मोदी और होम मिनिस्टर राजनाथ आये थे। मोनू कोई सांसद या नेता नहीं था।
मानेसर में डी एल एफ और रोबर्ट वढेरा वाले मामले में तीन साल से केस दर्ज है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं।
रोहतक में सन सिटी जमींन मामले में जिसे लेकर हूडा पर यह आरोप भी लगा कि एक घर तो डायन भी छोड देती है लेकिन हूडा ने तो उस रोहतक को भी नहीं छोड़ा जिसने देवीलाल जैसे कद्दावर नेता को हराकर हूडा को लगातार तीसरी बार सांसद बनाया।
किसानो की जमीन सन सिटी को दे दी। फिर इस मामले की जाँच में मोदी के चेले खट्टर ने खास रूचि नहीं दिखाई।
बिल्डरो को लाइसेंस देने के मामले में हूडा के करीबी आईएस अफसर टी सी गुप्ता को खट्टर ने न केवल अहम् महकमे दिए बल्कि रिटायरमेंट के बाद सेवा के अधिकार जैसे महत्वपूर्ण आयोग का चेयरमैन बनाया।
इस कांड में भाजपा के सुभाष चंद्रा की मदद का आरोप और बाद में चंद्रा ने माना की मेरे बिजनेसमैन भाई के हूडा से अच्छे सम्बन्ध है।
भूपिंदर हूडा ने आजतक मोदी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया। कुछ तो मजबूरिया रही होंगी यूही तो कोई बेवफा नहीं होता।
अब पाठक इस बात की सचाई का खुद फैसला कर ले।