पवन कुमार बंसल।
गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: “हंसी एक बेहतरीन दवा है”, खट्टर साहब
“हंसी एक बेहतरीन दवा है”, खट्टर साहब ने सिखाया कि कैसे हंसी से आई राजनितिक मुसीबत भी टाल सकते है।
अपने चीफ मिनिस्टर मनोहर लाल जी में नए नए गुण आ रहे है। कभी वो एक विषय के शिक्षक द्वारा दूसरा विषय पढ़ाने की बात करते है। अब सिरसा में तो उन्होंने कमाल कर दिया।
हुआ यूँ कि वहां उनके जन सवांद कार्यक्रम में एक व्यक्ति ने उनके सामने जबरदस्त राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया। अपने प्रधानमंत्री मोदी जी तो चीते लेकर जश्न मना रहे है, लेकिन उस वयक्ति ने मनोहर लाल को कह दिया कि जनाब चीते पर सैकड़ो करोड़ खर्च दिया कुछ करोड़ गौ माता पर भी खर्च देते।
अब खट्टर साहिब इसका क्या जवाब देते? न निगल सकते न उलट सकते। वो व्यक्ति यही नहीं रुका। बोला, चीता तो आदमी खायेगा लेकिन गौ माता तो दूध देगी। इस बार तो उसने खट्टर पर हाईड्रोज़ेन बम फैंक दिया। उसने बोला कि वोट चीते के नाम से नहीं गौ माता के नाम से मिलनी है।
अब मनोहर लाल इसका क्या जवाब देते? चीता तो उनके बॉस का प्रिय और गौ माता की उपेक्षा भी नहीं कर सकते। अब खट्टर साहिब ठहाके मार के हँसते रहे। वैसे उस व्यक्ति ने ठीक कहा था की वोट गौ माता के नाम से मांगते हो। प्रदेश में गोशालाओं के दशा बहुत खराब है। लेकिन सरकार अब गौ माता की बजाये चीता पर ज्यादा जोर दे रही है। वैसे सही कहा है की खुदा जब हुस्न देता है तो नजाकत आ ही जाती है। राजयोग भी हुस्न से कम नहीं।