समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14 सितंबर। बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली समेत बोर्ड के अन्य अधिकारियों को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को इस बात की इजाजत दे दी है कि वह कूलिंग ऑफ पीरियड नियम में संशोधन कर सकता है. कोर्ट ने कहा कि अपनी याचिका में बोर्ड ने संशोधन की जो बात कही है उससे हमें लगता है कि इस नियम को बनाने का जो हमारा जो वास्तविक लक्ष्य था, वह प्रभावित नहीं होता और हम बोर्ड के इस प्रस्तावित संशोधन को स्वीकार करते हैं.
बोर्ड ने अपनी याचिका में सर्वोच्च अदालत से यह मांग की थी वह उसे इस नियम में संशोधन करने की अनुमति दे, जिससे एक अधिकारी अपने एक ही कार्यकाल में राज्य संघ और बीसीसीआई के अपने कार्यकाल को अलग-अलग अवधि में पूरा कर सके. अब कूलिंग ऑफ पीरियड के तहत बोर्ड के अधिकारी अपना एक कार्यकाल राज्य क्रिकेट संघ और दूसरा कार्यकाल बीसीसीआई में पूरा सकते हैं.
पहले के नियम के मुताबिक वह दोनों में से (राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई) किसी में भी एक साथ 6 साल से अधिक समय नहीं बिता सकते थे और 6 साल की अवधि पूरी होने के बाद अधिकारियों को 3 साल के लिए कूलिंग ऑफ यानी ब्रेक पर जाना अनिवार्य था.
अब अदालत की इस मंजूरी के बाद बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और उसके सचिव जय शाह समेत अन्य अधिकारी बोर्ड से बाहर न होकर अपने पदों पर बने रह सकेंगे. सौरव गांगुली और जय शाह समेत कई अन्य अधिकारी BCCI में अपने-अपने मौजूदा पदों की जिम्मेदारी संभालने से पहले वह अपने-अपने राज्य क्रिकेट संघों में भी सेवाएं देकर आए थे. ऐसे में अगर अदालत इस नियम में संशोधन की मंजूरी नहीं देती तो उन्हें यह पदों से त्यागपत्र देकर कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना पड़ता.