समग्र समाचार सेवा
मुरैना,27 अगस्त।बाढ़ ने चंबल घाटी में तांडव मचा दिया है. कोटा बैराज से लगातार पानी डिस्चार्ज करने तथा सिंध और पार्वती नदी के उफान पर होने की वजह से चंबल का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. राजघाट पुल पर चंबल खतरे के निशान से 8 मीटर ऊपर बह रही है. चंबल की बाढ़ ने मुरैना जिले करीब दो सैकड़ा गांवों को अपनी चपेट में लिया है, वहीं करीब 80 गांव जलमग्न हो गए है. बाढ़ पीड़ितों के बचाव तथा राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के बाद अब सेना ने मोर्चा संभाल लिया है.
सेना ने सुरक्षित निकाला बाहर: यहां कई टापू बन गए हैं, सेना ने हेलीकॉप्टर से रेस्कयू कर कई गांवों के लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. लोगों को बाहर निकालने के साथ बाढ़ में फंसे लोगों के लिए हैलीकॉप्टर से भोजन के पैकेट व दवाईयां भेजी जा रही है. जानकारी के अनुसार चंबल की बाढ़ से चंबल घाटी में हाहाकार मचा हुआ है. बुधवार की सुबह राजघाट पुल पर चंबल 146 के निशान पर पहुंच गई. खतरे के निशान से 8 मीटर ऊपर होते ही चंबल ने नदी किनारे बसे दो सैकड़ा गांवों को बाढ़ की चपेट में ले लिया।
बांटे जा रहे भोजन और दवाइयों के पैकेट: बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए 2 एनडीआरएफ तथा 9 एसडीआरएफ की टीम राहत बचाव कार्य में जुटी है. बीते रोज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भ्रमण के बाद राहत और बचाव कार्य और तेज कर दिया है. गुरुवार को सेना बुलाई गई. सेना का हेलीकॉप्टर जिला मुख्यालय से भोजन और दवाइयों के पैकेट भरकर लगातार बाढ़ में फंसे लोगों तक पहुंचा रहा है.
घर गृहस्थी नष्ट: सेना ने मुरैना जनपद के मुन्नालाल का पुरा और माऊखेड़ा गांव में हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. रात होने के कारण सेना ने हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू रोक दिया. जिला प्रशासनिक अधिकारी बाढ़ में फंसे लोगों पर लगातार नजर रखे हुए हैं. बाढ़ पीड़ितों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि, उनकी गृहस्थी के साथ-साथ मवेशियों को भी चंबल अपने साथ बहाकर ले गई. खेत की फसल के साथ घर भी नष्ट हो गया है।