समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9अगस्त। राज्यसभा के 18 जुलाई से शुरू हुए 257वें सत्र में विपक्ष और सरकार के बीच आमने-सामने की वजह से 47 घंटे से अधिक का नुकसान हुआ, जबकि 35 घंटे से अधिक समय तक कामकाज चला. निवर्तमान सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि सदन की 16 बैठकें हुईं. हालांकि, रुकावटों के कारण 47 घंटे से अधिक समय बर्बाद हो गया, जो संसद के उच्च सदन के कामकाज पर एक दुखद प्रतिबिंब है.
स्वीकार किए गए 235 तारांकित प्रश्नों में से केवल 61 का उत्तर मौखिक रूप से दिया जा सका और प्रश्नकाल 7 दिनों में नहीं लिया जा सका. सभापति की अनुमति से सदस्यों द्वारा केवल 25 मामले ही उठाए जा सके और पूरे सत्र के दौरान केवल 60 विशेष उल्लेख किए जा सके.
सदन ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर एक छोटी अवधि की चर्चा की, जो 4 घंटे से अधिक समय तक चली, जिसमें 33 सदस्यों ने बहस में भाग लिया. सत्र के दौरान केवल 4 सरकारी विधेयकों पर विचार किया गया और पारित किया गया. कुल 27 गैर-सरकारी सदस्यों के विधेयक भी पेश किए गए और पूरे सत्र के दौरान ‘स्वास्थ्य के अधिकार’ के संबंध में केवल 1 निजी सदस्य के विधेयक पर आंशिक रूप से चर्चा की जा सकी.
 
			
