दीदी के राज में ग़रीब बेहाल पर उनके नेता मालामाल, ये कैसी राजनीति, ये कैसा कमाल ?

सेक्स toy का क्या राज है ??

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स्निग्धा श्रीवास्तव
कहा जाता है ना बाप बड़ा, ना भैय्या सबसे बड़ा रूपया…….और राजनीति ऐसी चीज है जिसमें कुछ मिले ना मिले घोटाले पैसा कमाने के रास्ते बहुत मिलते है। लेकिन जनता की मेहनत की कमाई को मंत्री इतनी आसानी से डकार मार लें ..यह संभव भी नही है। वैसे भी बात जब बंगाल की हो तो ममता दीदी को कैसे भुल सकते है उनके नेता उनके लिए खुलेआम कत्ल तो करते है और जनता को लुटते भी है यानि दीदी के राज में ग़रीब बेहाल पर उनके नेता मालामाल… ये कैसी राजनीति, ये कैसा कमाल ?
ऐसा ही कुछ हुआ सीएम ममता के मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के साथ.. ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के अलग-अलग घरों पर छापेमारी की। इसमें अर्पिता के घर से नोटों का अंबार मिला। पहले घर से 21 करोड़ और दूसरे घर से 29 करोड़ रुपए कैश मिले। इसके अलावा 4 करोड़ की ज्वैलरी और 20 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए। फिलहाल अर्पिता और पार्थ ईडी की हिरासत में हैं और दोनों से लगातार पूछताछ की जा रही है।

क्या है पूरा मामला
2016 में पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग ने शिक्षकों की भर्ती के लिए एक परीक्षा आयोजित थी। 2017 में जब इसका रिजल्ट आया तो इसमें सिलीगुड़ी की बबीता सरकार का नाम टॉप-20 में था। इसके बाद आयोग ने ये लिस्ट रद्द कर दी थी।
बाद में आयोग ने नई लिस्ट जारी की जिसमें बबीता से 16 नंबर कम पाने वाली अंकिता अधिकारी का नाम टॉप पर था। अंकिता मंत्री परेश अधिकारी की बेटी है। इसके खिलाफ बबीता और कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए थे।
सीबीआई ने इस मामले में पार्थ चटर्जी से पूछताछ की क्योंकि 2016 में वो शिक्षा मंत्री थे। बाद में इस केस में पैसों के हेरफेर के कारण ईडी की नजर उनपर पड़ी तब जाकर ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनके करीबियों के घर छापा मारा।
इतना ही नही ईडी नें छापेमारी में दो फ्लैटों में से एक से सेक्स-खिलौने भी बरामद किए।
अब इस सेक्स ट्वाय मिलने के बाद से ही वे सोशल मीडिया पर छा गए कही उनका लोगों ने जमकर मजाक उड़ाया तो कही उनकी आलोचनाएं भी हुई।

हालांकि ईडी के एक अधिकारी ने इस मामलें पर कहा था कि हम जानने की कोशि कर रहे हैं कि क्या ऐसी वस्तुओं की बरामदगी का करोड़ों के घोटाले से कोई संबंध है? ये नकदी, सोना और अन्य दस्तावेजों की भारी बरामदगी की तुलना में मामूली बात है।

सोशल मीडिया पर बना मजाक का मुद्दा
लोकप्रिय बांग्ला अभिनेत्री श्रीलेखा मित्रा ने उनका मजाक बनाते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया। उन्होंने टिप्पणी की कि अर्पिता मुखर्जी के आवास में सेक्स टॉयज की मौजूदगी से चटर्जी की वीकनेस का पता चलता है।

श्रीलेखा ने पोस्ट में लिखा, क्या पार्थ असफल थे? देश जानना चाहता है। घोषित वामपंथी झुकाव वाली अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस की आदतन दोस्त श्रीलेखा मित्रा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का उस समय उपहास किया था, जब उन्हें कविताओं के संग्रह के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से साहित्यिक पुरस्कार मिला था।

अर्पिता के घर कई तरह के सेक्स टॉयज मिलने से कई तरह के सवाल उठे हैं। ये सेक्स टॉयज अर्पिता के घर कौन लाया था? इनका क्या उपयोग हो रहा था? किसने अर्पिता को ये टॉयज दिए हैं? क्या उसने ऑनलाइन ऑर्डर देकर इन्हें मंगाया है? इन्हें खरीदने का कारण क्या था? ये अर्पिता के हैं या उस मिस्ट्री वुमन के, जिसका जिक्र अर्पिता ने जांच एजेंसी के सामने पार्थ चटर्जी की बेहद अंतरंग दोस्त के तौर पर अपने घर लगातार आने-जाने और बरामद हुए कैश की देखरेख करने वाली के तौर पर किया है।

कही ऐसा तो नही कि अर्पिता का भारत में इसका कारोबार फैलाने में हाथ है।
क्योंकि भारत में सेक्स टॉयज भी अब धीरे- धीरे लोगों के लिए आसानी से मिलने वाली सामग्री बन सकती है। ऐसा हम इसलिए नही कह रहे है कि यह अर्पिता के घर पाया गया ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि भारत में सेक्स टॉयज का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है।

क्योंकि युवा कपल्स के बीच ये प्रोडक्ट्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। हालांकि भारत में सेक्स टॉयज पर नार्मली बहुत कम लोग ही बात करते है। लेकिन कुछ ई-कॉमर्स साइट्स के अनुसार, भारत में भी कुछ प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो सेक्स टॉयज, लुब्रिकेंट्स के बारे में जानते हैं। वे इनके बारे में इंटरनेट पर सर्च भी करते हैं। सेक्स के बारे में बात करना भारतीय समाज में अब भी टैबू माना जाता है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। कोरोना महामारी के समय लगाए गए लॉकडाउन के बाद से सेक्स टॉयज की बिक्री में काफी उछाल आया है। उस अवधि में देश में सेक्स टॉयज का बाजार 65 फीसदी बढ़ा था। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सेक्सुअल वेलनेस मार्केट साल 2030 तक 209 करोड़ डॉलर का हो जाएगा। इस तरह इस मार्केट के 5.8 फीसदी सीएजीआर से बढ़ने की संभावना है।

Allied Market Research की मानें तो भारत के सेक्सुअल वेलनेस मार्केट में साल 2020 में 115 करोड़ डॉलर का कारोबार किया था। इतना ही नही सेक्स टॉयज का व्यापार 2030 तक 209 करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इस तरह भारत में यह बाजार साल 2021 से 2030 के बीच 5.8 फीसदी CAGR से बढ़ सकता है।

अब यह तो ईडी की छानबीन के बाद ही पता चल पाएगा कि अर्पिता मुखर्जी के पास सेक्स टॉयज कैसे आया और वह वहां क्यों था? क्या वह इसका व्यवसाय करती है या वह इसका इस्तेमाल खुद करती थी? ???

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