उपराष्ट्रपति नायडू ने जनता और नीति निर्माताओं के बीच हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 28 जुलाई। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को जनता और नीति निर्माताओं दोनों के बीच हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

वह चाहते थे कि सभी स्तरों पर नीति निर्माता और जनप्रतिनिधि अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रोकथाम योग्य हेपेटाइटिस के बारे में लोगों तक संदेश पहुँचाएँ।

आज संसद भवन में संसद सदस्यों के लिए विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर जागरूकता सत्र में अपने मुख्य भाषण में उपराष्ट्रपति ने स्वच्छ भारत अभियान और टीबी की तर्ज पर 2030 तक हेपेटाइटिस को खत्म करने के अभियान को ‘जन आंदोलन’ बनाने का आह्वान किया। आजाद भारत अभियान।

वीपी नायडू ने सांसदों को सलाह दी कि अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए हेपेटाइटिस को खत्म करने का अभियान लोगों की स्थानीय भाषा में चलाया जाए।

उन्होंने इस संबंध में सरकारी संदेशों में नवाचार करने, एकरसता से बचने और संदेश को आम आदमी के लिए सुलभ और समझने योग्य बनाने का भी आह्वान किया।

वीपी नायडू ने कहा कि भारत सभी मोर्चों पर विश्व स्तर पर मजबूत हो रहा है, लेकिन भारत को “एक स्वस्थ और खुशहाल राष्ट्र” बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने लोगों से बेहतर आहार की आदतें और शारीरिक रूप से सक्रिय जीवन शैली अपनाने का भी आग्रह किया।

उपराष्ट्रपति ने हेपेटाइटिस के कारणों को निरंतर संरक्षण प्रदान करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला की सराहना की और इस सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे पर निरंतर प्रयासों के लिए आईएलबीएस में डॉ एसके सरीन और डॉक्टरों की उनकी टीम को भी धन्यवाद दिया।

लोकसभा अध्यक्ष, ओम बिरला, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ मनसुख मंडाविया, राज्यसभा के उपाध्यक्ष, हरिवंश नारायण सिंह, दिल्ली के उपराज्यपाल, विनय कुमार सक्सेना, महासचिव, लोकसभा, उत्पल कुमार सिंह, सत्र के दौरान संसद सदस्य और अन्य मौजूद थे।

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