समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14जुलाई। सावन का महीना शुरू हो गया है और हर कोई भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग तरीके से पूजा-पाठ कर रहा है. मान्यता है कि सावन का महीना शिवजी को अतिप्रिय है और इस दौरान यदि उन्हें प्रसन्न कर दिया जाए तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. कहा जाता है सावन में शिव-पार्वती का पूजन करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है, जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छे वर के लिए अराधना करती हैं. लेकिन सावन में की गई पूजा में भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए.
शिवलिंग पर न चढ़ाएं तुलसी
धर्म शास्त्रों के अनुसार शिवजी की पूजा करते समय भूलकर भी उन्हें तुलसी का पत्ता अर्पित नहीं करना चाहिए. शिव पूजा में तुलसी का उपयोग निषेध माना गया है. इसकी बजाय बेलपत्र और धतूरा चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं.
शिवजी को न लगाएं हल्दी व सिंदूर का तिलक
शिवजी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उनकी पूजा करते समय उन्हें हल्दी या सिंदूर का तिलक नहीं लगाना चाहिए. मान्यता है कि ये सभी चीजें महिलाओं के श्रृंगार में काम आती हैं इसलिए शिव पूजा से इन्हें दूर रखा जाता है. शिवजी को चंदन का तिलक लगाने से आप उनकी कृपा के पात्र बनेंगे.
न करें शिवलिंग की पूरी परिक्रमा
अक्सर लोग पूजा करने के बाद शिवलिंग की परिक्रमा करते हैं जो कि धर्म शास्त्रों के अनुसार गलत है. भगवान शिव को दूध का जलाभिषेक किया जाता है और इसलिए जहां शिवलिंग होती है वहां एक तरफ दूध व पानी बह रहा होता है. ऐसे में उसे लांघना अशुभ माना जाता है. इसलिए शिव की आधी परिक्रमा ही की जाती है.
तांबे के बर्तन से न चढ़ाएं दूध
शिवलिंग पर पूजा कभी भी जलधारी के सामने बैठकर नहीं करनी चाहिए. यानि जहां से जल बह रहा हो वहां नहीं बैठना चाहिए. साथ ही ध्यान रखें कि गलती से भी तांबे के बर्तन से दूध नहीं चढ़ाना चाहिए. कहते हैं कि तांबे के बर्तन में दूध विष के समान होता है.