सोम प्रदोष व्रत 2022: आज है सोम प्रदोष व्रत, इस विधि से करें पूजा

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11जुलाई। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत आज यानि 11 जुलाई को है और यह व्रत सोमवार के दिन है, इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है. सोम प्रदोष व्रत में भगवान शिव का पूजन किया जाता है. प्रदोष व्रत और सोमवार दोनों ही दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन यदि विधि​-विधान से भगवान शिव का पूजन किया जाए तो जातक की हर मनोकामना पूर्ण होती है. आइए जानते हैं सोम प्रदोष व्रत पूजा का शुभ समय और पूजन विधि.
सोम प्रदोष व्रत 2022 शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 11 जुलाई, सुबह 11 बजकर 13 मिनट पर होगी. इसकी समाप्ति 12 जुलाई, मंगलवार सुबह 7 बजकर 46 मिनट पद होगी. पूजा के लिए शुभ समय 11 जुलाई शाम 7 बजकर 22 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.

पूजा के समय पढ़ें ये मंत्र
सोम प्रदोष व्रत में भगवान शिव का पूजन किया जाता है और पूजन के दौरान ‘ओम नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करना लाभ माना गया है. यह शिव पंचाक्षर मंत्र है और जातक की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने में सहायक है.
सोम प्रदोष व्रत पूजन विधि
सोम प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान शिव का पूजन करें. दिन भर पर फलाहार लेते हुए व्रत करें. ध्यान रखें कि पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को है और इसलिए शाम के समय शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं. शिवलिंग पर चंदन, अक्षत्, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, सफेद फूल, फल, शहद, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें.

इसके बाद वहीं बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें और सोम प्रदोष व्रत की ​कथा सुनें. इसके बाद घी का दीपक जलाएं और शिव जी आरती करें. व्रत के दौरान रातभर जागकर भगवान शिव की अराधना करना और भजन करना बेहद ही फलदाया होता है. इसके बाद अगले दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद सूर्य भगवान और तुलसी का जल चढ़ाकर व्रत का पारण करें.

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