समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8जून। एक समय ऐसा था कि पूरे दक्षिण अफ्रीका की सियासत तीनों भाइयों के ईद-गिर्द घूमती थी। उनके प्रभाव ने दक्षिण अफ्रीका की राजनीति में भूचाल ला दिया था, जिससे राष्ट्रपति जैकब जुमा को भी अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। आरोप है कि जैकब जुमा के जरिए उन्होंने सोने की खदानों समेत तमाम सरकारी ठेके प्राप्त किए। वह सरकार के काम में भी दखल देने लगे।
कौन हैं गुप्ता ब्रदर्स
अजय गुप्ता, अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता के पिता शिवकुमार गुप्ता की सहारनपुर में एक छोटी सी राशन की दुकान थी। अजय ने सीए का कोर्स किया, अतुल ने बीएससी की और कंप्युटर हार्डवेयर और असेंबलिंग का कोर्स किया। छोटे भाई राजेश ने बीएससी की। साल 1985 में सहारनपुर से दिल्ली चले गए और वहां कुछ दिनों एक बड़े होटल में नौकरी की। इसके बाद नौकरी छोड़ दी और वर्ष 1993 में साउथ अफ्रीका चले गए। यहां तीनों भाइयों ने कंप्यूटर से जुड़ा बिजनेस शुरू किया और दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में कंप्यूटर और उसके पार्ट्स बनाने की कंपनी शुरू की। इसी दौरान अजय के दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन राष्ट्रपति जैकब जुमा से पारिवारिक संबंध हो गए।
जुमा को लेकर विवादों में रहे
अजय उस वक्त विवादों में आए जब उन पर दक्षिण अफ्रीका के वित्त मंत्री को हटाने का आरोप लगा।
आरोप था कि उनके कहने पर ही दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने वित्त मंत्री को पद से हटाया था।
इससे पहले वर्ष 2010 में एक सांसद को मंत्री बनवाने का आश्वासन दिए जाने का आरोप भी उन पर लगा था।
राष्ट्रपति जुमा के परिवार के कई सदस्य अजय गुप्ता की कंपनियों में डायरेक्टर थे।
दक्षिण अफ्रीका में अजय गुप्ता का कंप्यूटर के अलावा खनन और मीडिया जैसे दूसरे क्षेत्रों में भी दखल है।
भ्रष्टाचार के कारण ही राष्ट्रपति जैकब जुमा को भी अपने पद से हाथ धोना पड़ा था।
2009-2018 के बीच किया जमकर भ्रष्टाचार
गुप्ता बंधुओं अजय, अतुल और राजेश गुप्ता पर आरोप है कि तीनों ने बड़े पैमाने पर अरबों की स्थानीय मुद्रा का गबन किया।
यह भ्रष्टाचार 2009 से 2018 के बीच किया गया। हालांकि, घोटालों के सामने आने के बाद वे दक्षिण अफ्रीका से भाग गए थे।
उनके खिलाफ काफी प्रदर्शन भी हुए थे। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने पहली बार यह स्वीकार किया था कि गुप्ता परिवार के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हुई।
दक्षिण अफ्रीका के सातवें सबसे अमीर व्यक्ति बने।
गुप्ता बंधुओं 1993 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। वहां उन्होंने एक शू स्टोर से कारोबार की शुरुआत की।
धीरे-धीरे उनका बिजनेस चल निकला। इसके बाद गुप्ता बंधुओं ने पहला बड़ा कदम उठाया सहारा कंप्यूटर्स नामक कंपनी बनाकर।
इसके बाद तो आईटी से लेकर मीडिया, खनन और रियल एस्टेट तक गुप्ता बंधुओं की धाक जम गई।
साल 2016 में अतुल गुप्ता की नेटवर्थ 773.47 मिलियन डॉलर पहुंच गई और वह दक्षिण अफ्रीका के सातवें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए।
चर्चित रही थी शादी
गुप्ता परिवार पहली बार विवादों में घिरा अप्रैल 2013 में, जब परिवार के एक शादी समारोह में भारत से गए गेस्ट का विमान दक्षिण अफ्रीका की वायुसेना के बेस पर उतरा था। इस विशेष आयोजन को लेकर खूब हंगामा हुआ और राजनीतिक हलकों में इसकी आलोचना हुई। बाद में इसे लेकर गुप्ता परिवार ने माफी मांगी थी और कहा था कि वे दक्षिण अफ्रीका में पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते थे. यह घटना गुप्तागेट नाम से चर्चित हुई थी।