आज देश में मनाया जाएगा बुद्ध पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16मई। आज यानि 16 मई, 2022 को बुद्ध पूर्णिमा है और बौद्ध धर्म में इसका विशेष महत्व है। वैशाख माह की बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। गौतम बुद्ध का जन्म का नाम सिद्धार्थ गौतम था. गौतम बुद्ध एक आध्यात्मिक गुरु थे, जिनकी शिक्षाओं से बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी. गौतम बुद्ध के जन्म तथा मृत्यु के समय के विषय में अनेक मतभेद हैं, अतः उनकी जन्मतिथि अनिश्चित है। हालाँकि, अधिकांश इतिहासकारों ने बुद्ध के जीवनकाल को 563-483 ई.पू. के मध्य माना है। अधिकांश लोग नेपाल के लुम्बिनी नामक स्थान को बुद्ध का जन्म स्थान मानते हैं. बुद्ध की मृत्यु, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में हुई थी।

बौद्धों के लिए, बोध गया नामक स्थान गौतम बुद्ध के जीवन से सम्बन्धित सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। बोधगया के अतिरिक्त, कुशीनगर, लुम्बिनी तथा सारनाथ भी अन्य तीन महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं. यह माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान प्राप्त किया तथा उन्होंने पहली बार सारनाथ में धर्म की शिक्षा दी। ऐसा कहा जाता है कि गौतम बुद्ध को इसी दिन आत्मज्ञान प्राप्त हुआ था।

बुद्ध पूर्णिमा का समय
बुद्ध पूर्णिमा आज यानि सोमवार के दिन पड़ रही है. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 45 मिनट तक रहेगा.
बुद्ध पूर्णिमा के दिन कैसे करें पूजा
सूरज उगने से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें.
गंगा में स्नान करें या फिर सादे पानी से नहाकर गंगाजल का छिड़काव करें.
घर के मंदिर में विष्णु जी की दीपक जलाकर पूजा करें और घर को फूलों से सजाएं.
घर के मुख्य द्वार पर हल्दी, रोली या कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और गंगाजल छिड़कें.
बोधिवृक्ष के आस-पास दीपक जलाएं और उसकी जड़ों में दूध विसर्जित कर फूल चढ़ाएं.
गरीबों को भोजन और कपड़े दान करें.
अगर आपके घर में कोई पक्षी हो तो आज के दिन उन्हें आज़ाद करें.
रोशनी ढलने के बाद उगते चंद्रमा को जल अर्पित करें.

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