राष्ट्रपति के खिलाफ आंदोलन जारी रहना चाहिए, मैं इसे नहीं रोकूंगाः प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे

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समग्र समाचार सेवा

कोलंबो, 13 मई। श्रीलंका में भारी राजनीतिक उथल पुथल के बीच रानिल विक्रमसिंघे नए प्रधानमंत्री बन गए। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘गोटा गो गामा आंदोलन जारी रहना चाहिए। मैं और पुलिस इस आंदोलन को रोकने के लिए कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे।’ उन्होंने बताया कि नए मंत्रिमंडल गठन पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।

राष्ट्रपति गोटबाया के खिलाफ इस नारे का किया जाता है उपयोग

श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ इस नारे का इस्तेमाल किया जाता है। सिंहली भाषा में गामा का मलतब गांव होता है। प्रदर्शनकारी एक जगह जमा होकर तंबू लगाते हैं और गाड़ियों के हार्न बजाते हुए राष्ट्रपति और सरकार के खिलाफ गोटा-गो-गामा का नारा बुलंद करते हैं।

5 बार प्रधानमंत्री रह चुके है रानिल विक्रमसिंघे

73 साल के रानिल को देश का सबसे अच्छा पॉलिटिकल एडमिनिस्ट्रेटर और अमेरिका समर्थक माना जाता है। वे पहले भी 5 बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 1993 में वे पहली बार 44 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने थे। विक्रमसिंघे अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं।

भीड़ ने की थी सांसद की हत्या

तीन दिन पहले हिंसक झड़प में श्रीलंकाई सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला की मौत हो गई थी। जिसके बाद आशंका जताई गई थी कि उन्होंने सुसाइड कर लिया है। हालांकि, अब पुलिस ने साफ कर दिया है कि अमरकीर्ति की हत्या की गई थी। भीड़ ने उन्हें पीट-पीट कर मार डाला था।

देश में कोई कानून-व्यवस्था नहीं हैः नामल राजपक्षे

पूर्व प्रधानंत्री महिंदा राजपक्षे के बेटे और पूर्व कैबिनेट मंत्री नामल राजपक्षे ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की ओर से उकसावे की कार्रवाई की गई। फिलहाल देश में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है। दूसरी तरफ, एक अहम पॉलिटिकल डेपलपमेंट के तहत पूर्व पीएम महिंदा राजपक्षे और उनके 8 करीबी सहयोगियों के देश छोड़ने पर एक अदालत ने रोक लगा दी है।

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