योगी सरकार मुंबई में खोलेगी अपना कार्यालय

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समग्र समाचार सेवा

लखनऊ, 11 मई। कोरोना काल में देश के दूसरे राज्यों में संकट में फंसे उत्तर प्रदेश के प्रवासी नागरिकों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा दिलाने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। यहां लौटे प्रवासियों को रोजगार-स्वरोजगार की व्यवस्था भी सरकार ने की। अब इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि मुंबई में रह रहे यूपी के प्रवासी नागरिकों के लिए मुंबई में जल्द कार्यालय खोला जाएगा। इस कार्यालय के माध्यम से उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाएगी, साथ ही गृह प्रदेश में निवेश, रोजगार, पर्यटन आदि के लिए उनके साथ समन्वय बनाया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के प्रवासियों से संपर्क किया जाएगा

सूत्रों के अनुसार, योगी सरकार जल्द ही मुंबई में यह कार्यालय शुरू करने जा रही है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश के उन प्रवासियों से संपर्क किया जाएगा, जो लंबे समय से मुंबई में नौकरी, व्यवसाय के लिए रह रहे हैं। अनुमान है कि मुंबई की एक करोड़ 84 लाख की आबादी में लगभग 50 से 60 लाख नागरिक उत्तर भारतीय मूल के हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के नागरिकों की संख्या सर्वाधिक है।

व्यापारपरिवहनखाद्य व्यवसायफैक्ट्री या मिल आदि में बड़ा योगदान

इनका वहां उद्योग, सेवा क्षेत्र, खुदरा व्यापार, परिवहन, खाद्य व्यवसाय, फैक्ट्री या मिल आदि में बड़ा योगदान है। सूचना प्रौद्योगिकी, फिल्म, टेलिविजन, मैन्यूफैक्चरिंग, खाद्य प्रसंस्करण आदि उद्योगों से यहां के लोग जुड़े हैं। इसके साथ ही असंगठित क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश के कामगार बड़ी संख्या में मुंबई में काम कर रहे हैं।

उप्र में उद्यम लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा

पिछले दो वर्षों में कोविड आपदा व लाकडाउन के कारण बड़ी संख्या में इन्हें वापस अपने गृह राज्य यूपी आना पड़ा था। तब योगी सरकार ने ही इनकी मदद की थी। अब मुंबई में कार्यालय खोलने के पीछे उद्देश्य यही है कि प्रवासियों को उत्तर प्रदेश में पर्यटन, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं से अवगत करा कर उन्हें यहां उद्यम लगाने के लिए प्रेरित किया जाए। उनसे विचार-विमर्श करके उनके लिए यहां एक अनुकूल व आकर्षक औद्योगिक वातावरण तैयार किया जाएगा।

कामगारों के लिए कार्यालय द्वारा योजनाएं बनाई जाएंगी

इसके अलावा अन्य कामगारों के लिए इस कार्यालय द्वारा उनके हित की योजनाएं बनाई जाएंगी। इससे उनके लिए किसी संकट की स्थिति में उत्तर प्रदेश आना सुलभ हो और उन्हें यहां उनके अनुभव व क्षमता के अनुरूप काम या रोजगार मिल सके। असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए भी इसी तरह के प्रयास किए जाएंगे।

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