समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 21 अप्रैल। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर रहे हरियाणा के चर्चित आइएएस अधिकारी अशोक खेमका खुद भ्रष्टाचार के आरोप में घिर गए हैं। खेमका के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में पंचकूला के सेक्टर पांच थाने में एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं। अशोक खेमका पर आरोप है कि वर्ष 2010 में हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के एमडी पद पर रहते हुए प्रथम श्रेणी के दो अधिकारियों की गलत ढंग से पैसे लेकर नियुक्तियां की गईं। यह दोनों अधिकारी मैनेजर रैंक के हैं।
पंचकूला सेक्टर 5 पुलिस थाने में शिकायत पहुंच गई
बताया जाता है कि पंचकूला सेक्टर 5 पुलिस थाने में अशोक खेमका के खिलाफ शिकायत पहुंच गई है, लेकिन अभी पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है। हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक (एमडी) और करनाल के मंडलायुक्त संजीव वर्मा ने यह बड़ी कार्रवाई की है।
खेमका की छवि भ्रष्टाचार का विरोध करने वाले अधिकारी की
अशोक खेमका की छवि भ्रष्टाचार का विरोध करने वाले अधिकारी की है, लेकिन संजीव वर्मा की इस कार्रवाई से उनकी छवि पर सवाल खड़े हो गए हैं। संजीव वर्मा ने उन दोनों अधिकारियों को भी निलंबित करने की सिफारिश कर दी है जिन्हें अशोक खेमका ने भर्ती किया था।
एफआईआर करने संबंधी आदेश को लेकर पंचकूला पुलिस असमंजस में
दूसरी ओर, एमडी संजीव वर्मा के एफआईआर करने संबंधी आदेश को लेकर पंचकूला पुलिस असमंजस में है। संजीव वर्मा ने इस पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट मुख्य संजीव कौशल और कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा को भेजकर अशोक खेमका के खिलाफ चार्जशीट करने की सिफारिश भी की है। अशोक खेमका के विरुद्ध संजीव वर्मा की इस कार्रवाई से अफसरशाही में हड़कंप मचा हुआ है।
दौरान भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ मुहिम के लिए चर्चित रहे
बता दें कि डा. अशोक खेमका विभिन्न विभागों में अपनी तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ मुहिम के लिए चर्चित रहे हैं। माना जाता रहा है कि इसके कारण उनको खामियाजा भी भुगतना पड़ा। अशोक खेमका का अपने सेवाकाल में अब तक 52 बार तबादला हो चुका है। हरियाणा में विभिन्न सरकारों के समय उनका शासन से टकराव भी होता रहा।
व्यवस्था और राजनीति पर सवाल उठाते रहे हैं
अशोक खेमका अपने तीखे और बेबाक ट्वीट के कारण भी चर्चाओं में रहे हैं। वह अपने ट्वीट के माध्यम से व्यवस्था और राजनीति पर सवाल उठाते रहे हैं। खेमका हरियाणा में भूपेंद्र सिंह सरकार के दौरान राबर्ट वाड्रा की कंपनी और डीएलएफ सौदे में कथित घोटाले को उजागर कर चर्चाओं में आए थे।