तीनों एमसीडी के एकीकरण का रास्‍ता साफ, कानून पर राष्‍ट्रपति की मुहर

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 19 अप्रैल। दिल्ली की तीनों नगर निगम के एकीकरण का रास्ता साफ हो गया। संसद के दोनों सदनों से विधेयक के पारित होने के बाद अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी कानून को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला विधेयक संसद में पेश किया था और कहा था कि एक नगर निगम होने से उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है बिल

गृह मंत्री अमित शाह ने बिल को पेश करते हुए बताया कि दिल्ली देश की राजधानी है और यहां की तीनों नगर निगमों एक लाख 40 हजार कर्मचारी काम करते हैं। राष्ट्रपति और पीएम के निवास समेत तमाम केंद्रीय दफ्तर यहीं पर स्थित हैं। देशी-विदेशी यात्राओं के लिए दिल्ली बड़ा केंद्र है। ऐसे में इस शहर के बारे सोचने की जरूरत है।

यूपीए सरकार पर सवाल उठाए थे

अमित शाह ने नगर निगम के बंटवारे को लेकर भी यूपीए सरकार पर सवाल उठाए थे और कहा कि निगम के बंटवारे का फैसला समझ से बाहर है। साल 2012 तक तीनों एमसीडी एक ही हुआ करती थीं लेकिन यूपीए सरकार ने बेहतर कामकाज का हवाला देकर एमसीडी को तीन हिस्सों में बांट दिया था। अगर साउथ एमसीडी को छोड़ दें तो बाकी दोनों निगमों की आर्थिक हालत काफी खस्ता है और वे अपने कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं दे पा रहे हैं।

फिलहाल नहीं होंगे एमसीडी चुनाव

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब तीनों एमसीडी के डीलिमिटेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और परिसीमन पूरा होने पर चुनाव कराए जाएंगे। फिलहाल दिल्ली में विपक्षी दल बीजेपी के पास एमसीडी की सत्ता है। दिल्ली में नॉर्थ, साउथ और ईस्ट एमसीडी काम कर रही थीं लेकिन अब इनका मर्जर किया जाएगा। दिल्ली की तीनों एमसीजी में फिलहाल अलग-अलग तीन महापौर हैं लेकिन एक निगम होने के बाद यह व्यवस्था भी खत्म हो जाएगी। साथ ही परिसीमन के दौरान वार्ड की संख्या में भी तब्दीली होनी है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.